Bahraich News: सरकारी गोदाम पर डीएपी नदारद, परेशान किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर उर्वरक खरीदने को मजबूर
मिहींपुरवा स्थित किसान सेवा सहकारी समिति एवं इफको ई-बाजार पर प्रतिदिन डीएपी के लिए किसान चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। खाद न मिलने के कारण मायूस होकर घर लौट जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि दलहन एवं तिलहन की खेती पिछड़ रही है।
मिहींपुरवा/मोतीपुर(बहराइच): तहसील क्षेत्र में सरकारी गोदामों पर डीएपी नदारद है। इससे किसानों की रबी फसल की बोआई पिछड़ रही है। किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर उर्वरक खरीदने को मजबूर हैं, जबकि धड़ल्ले से नेपाल को डीएपी पहुंचाई जा रही है।
मिहींपुरवा स्थित किसान सेवा सहकारी समिति एवं इफको ई-बाजार पर प्रतिदिन डीएपी के लिए किसान चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। खाद न मिलने के कारण मायूस होकर घर लौट जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि दलहन एवं तिलहन की खेती पिछड़ रही है। महंगे दामों पर निजी दुकानों से खाद खरीद कर किसी तरह बुआई कर रहे हैं। एक तरफ सरकार कह रही है कि खाद एवं बीज की कमी नहीं होने पाएगी, लेकिन यहां सरकारी गोदामों पर खाद नहीं है।
निजी दुकानों से खरीदकर डीएपी की नेपाल को तस्करी की जा रही है। जरही रोड स्थित निजी खाद दुकानों पर खाद के लिए लाइन लगी रहती है। नयापुरवा निवासी रमेश कुमार मौर्य ने बताया कि डीएपी न मिलने से रबी की बोआई पिछड़ रही है।
गुलालपुरवा के मोतीलाल ने बताया कि सरकारी गोदामों पर डीएपी खाद न मिल पाने के कारण निजी दुकान से 1400 की जगह 1550 रुपये प्रति बोरी खरीद कर लाया हूं। राम प्रवेश वर्मा ने बताया कि लगभग हफ्ते भर से डीएपी खाद के लिए किसान सेवा सहकारी समिति एवं इफको ई-बाजार के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन डीएपी नहीं मिल पा रही है।
गूढ़ निवासी अजय शर्मा ने बताया कि सरकारी गोदामों पर डीएपी न मिल पाने के कारण निजी दुकानों से महंगे दाम पर खरी कर खेतों की बोआई करने पर किसान मजबूर हैं। किसान सेवा सहकारी समिति के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि जल्द ही डीएपी उपलब्ध हो जाएगी।