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Bahraich: वोट देते, राशन पाते पर घर बनाने का अधिकार नहीं, अधिकारियों की चौखट पर दम तोड़ रही आशियाने की लालसा

बंगाल के विस्थापित परिवार सुभाष नगर कृष्णानगर व सत्संगनगर कालोनी में रह रहे हैं। 1958 में करीब 300 लोग आए थे। अब इनकी संख्या 10 हजार से अधिक पहुंच गई है। महाप्राण जोगेंद्रनाथ मंडल बंगाली समुदाय उत्थान समिति के अध्यक्ष राजेश विश्वास बंगाली परिवारों के अधिकारों को लेकर संघर्षरत हैं।

By Mukesh PandeyEdited By: Shivam YadavPublished: Thu, 17 Nov 2022 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 04:11 AM (IST)
Bahraich: वोट देते, राशन पाते पर घर बनाने का अधिकार नहीं, अधिकारियों की चौखट पर दम तोड़ रही आशियाने की लालसा
बंगाली समुदाय उत्थान समिति के अध्यक्ष राजेश विश्वास बंगाली परिवारों के अधिकारों को लेकर संघर्षरत हैं।

बहराइच, जागरण संवाददाता। बंगाल से विस्थापित परिवार छह दशक से जमीन पर हक पाने की लालसा में अफसरों की चौखट पर गुहार लगा रहे हैं। करीब तीन सौ की आबादी को वन विभाग घर बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है, जबकि वोट देने से लेकर राशन लेने तक का अधिकार मिला है। डीएम ने मुख्य वन संरक्षक को मामले के निस्तारण को पत्र भेजा है। 

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बंगाल के विस्थापित परिवार पयागपुर के सुभाष नगर, कृष्णानगर व सत्संगनगर कालोनी में रह रहे हैं। वर्ष 1958 में करीब 300 लोग आए थे। अब इनकी संख्या 10 हजार से अधिक पहुंच गई है। महाप्राण जोगेंद्रनाथ मंडल बंगाली समुदाय उत्थान समिति के अध्यक्ष राजेश विश्वास बंगाली परिवारों के अधिकारों को लेकर संघर्षरत हैं। 

नींव रखने के साथ ही मिल जाता है नोटिस

बताते हैं कि सुहेलवा वन्यजीव प्रभाग की करीब 320 एकड़ जमीन को बसाने के लिए पुनर्वास विभाग को आवंटित की गई थी। जमीन का आवंटन होने के बाद भी वन विभाग ने राजस्व अभिलेखों में उसे अपने नाम करा लिया। वर्ष 1965 में संघर्ष के बाद वन विभाग को कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में जमीन दे दी गई। इसके बावजूद परिवारों को जमीन का आवंटन नहीं किया जा रहा है। मकान बनाने की शुरुआत करते ही वनकर्मी नोटिस देने लगते हैं और कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। 

विधायक ने भी उठाया मामला

विधायक सुभाष त्रिपाठी ने भी बंगाली परिवारों के विस्थापन का मामला उठाया है। उनका कहना है कि भूमि को संक्रमणीय करने का अधिकार शासन को है। इसकी मांग बंगाली समुदाय कर रहा है। इसे शासन में रखा गया है। प्रमुख सचिव राजस्व से मिलकर जल्द ही आगे की चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी ली जाएगी।

इन्होंने कहा…

14 अक्टूबर को बंगाली परिवारों की समस्या को लेकर बैठक की गई है। इसमें तालाब बघेल, नूरपुर, काशीजोत, झाला तरहर व इमलियागंज के वन भूमि को हस्तांतरण किए जाने के लिए डीएफओ श्रावस्ती से अभिलेख मांगे गए हैं। मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश मिश्र को पूरे मामले की निगरानी व निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।

- डा. दिनेश चंद्र, जिलाधिकारी।


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