जागरण विशेष : ग्रामोदय का सपना लेकर आए 22 हजार प्रवासियों को मिला जीवनोदय का कवच
आयुष्मान भारत का बनेगा गोल्डन कार्ड होगा मुफ्त इलाज।
प्रदीप तिवारी, बहराइच : बेबसी व बंदिशों के बीच नौकरी छोड़कर ग्रामोदय का सपना लेकर जन्मभूमि पर वर्षों बाद कदम रखे 22 हजार प्रवासियों को पीएम ने जीवनोदय के लिए आयुष्मान भारत का दीपावली गिफ्ट दिया है। इन प्रवासियों को ढूंढ़कर पीएम की पाती पहुंचाई जा रही है। दीपावली से पहले इन प्रवासियों को गोल्डन कार्ड का तोहफा मिलने के साथ ही पांच लाख रुपये तक के इलाज का बंदोबस्त हो जाएगा। केंद्र के इस फैसले से नौकरी छूटने से परेशान प्रवासियों को परिवार के सेहत की सता रही चिता दूर हुई है।
जिले में 92 हजार प्रवासी शहर से कारोबार व धंधा छोड़कर अपने पैतृक गांव पहुंचे हैं। कोरोना काल में इनके लिए नए युग में कदम रखने सरीखा है। रोजगार से हाथ खाली है तो बच्चों की पढ़ाई व परिवार की जीविका चलाने की चुनौती भी है। ऐसे में परिवारजनों की सेहत खराब होने पर बेहतर इलाज उनको कर्ज की ओर ढकेल रहा है। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे ऐसे 22 हजार प्रवासी श्रमिकों के परिवार की सेहत की चिता को केंद्र के फैसले से संजीवनी मिली है। इनका सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना में नाम दर्ज है, लेकिन गांव छोड़ने की वजह से इन्हें प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का लाभ नहीं दिया गया था।
वैश्विक महामारी में ग्रामोदय के लिए जन्मभूमि पहुंचे इन श्रमिकों को योजना के गोल्डन कार्ड से आच्छादित करने का फैसला किया गया है। इन प्रवासियों को पीएम का पत्र बांटा जा रहा है। इनके जरिए उनका 15 दिनों के भीतर गोल्डन कार्ड बनवाया जाएगा। कार्ड से प्रत्येक परिवार पांच लाख रुपये तक इलाज कराने में सक्षम होगा।
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आशा कार्यकर्ता करेंगी मदद
-शत-प्रतिशत प्रवासियों को योजना से जोड़ने में भी आशा कार्यकर्ता ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। विभाग की ओर से पंचायत वार कार्यकर्ताओं को पीएम की पाती दी गई है। कार्यकर्ता प्रवासियों को पत्र देने के साथ उनका गोल्डन कार्ड बनवाने में भी मदद करेंगी। इसके एवज में उन्हें प्रोत्साहन राशि भी मिलेगा।
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आयुष्मान योजना से 22 हजार प्रवासियों को जोड़ा जा रहा है। गांव में न रहने की वजह से उन्हें लाभ नहीं मिला था। अब प्राथमिकता पर सभी के गोल्डन कार्ड बनवाए जा रहे हैं।
-डॉ. राजेश मोहन श्रीवास्तव, सीएमओ बहराइच