यूपी के इस जिले में कुत्ते ने काटा तो हो जाएंगे परेशान, एंटी रैबीज लगने के लिए तीन दिन इंतजार करते हैं घायल
बहराइच के ग्रामीण इलाकों में कुत्ता या बंदर काटने पर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने में देरी हो रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में केवल मंगलवार और शुक्रवार को ही इंजेक्शन लगते हैं, जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है। जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन 100 से अधिक मामले आते हैं। सीएमओ ने मरीजों की संख्या बढ़ने पर व्यवस्था में सुधार करने का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, बहराइच। ग्रामीण इलाकों में कुत्ते या बंदर के काटने पर आज भी पुराने ढर्रे पर एंटी रैबीज लगाने का काम होता है। अगर किसी व्यक्ति को शुक्रवार शाम को कुत्ते ने काटा तो उसे मंगलवार को ही इंजेक्शन लगेगा। इसके बीच अगर लगवाना है तो जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ेगा। इससे ग्रामीण इलाकों के लोग काफी परेशान हैं।
जिले में 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। यहां पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटी रैबीज वायल उपलब्ध कराया गया है। जिससे किसी को कुत्ता, बिल्ली या सियार काटता है तो रैबीज पूरे शरीर में न फैले, इसके लिए एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। इसमें पीड़ितों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सप्ताह में दो दिन ही एंटी रैबीज लगाया जाता है। मंगलवार व शुक्रवार को ही इसका लाभ पीड़ित लोगों को मिलता है। अगर किसी को इन दो तिथियों में दोपहर दो बजे के बाद कुत्ते या बिल्ली ने काटा तो एंटी रैबीज वायल लगवाने के लिए तीन दिन का इंतजार करना पड़ता है।
बीच में किसी को कोई दिक्कत हुई तो वह व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार है। जिले में कुत्ता, बिल्ली, सियार व भेड़िया के हमले भी बढ़कर हो रहे हैं। प्रतिदिन जिला मुख्यालय 100 से 105 लोगों को वायल लग रहे हैं। ऐसे में अगर प्रतिदिन वायल लगाने का निर्देशन कर दिया जाए तो लोगों को जिला मुख्यालय का रुख नहीं करना पड़ेगा।
एक वायल में पांच डोज लगते हैं। अगर एक डोज के लिए वायल खोला जाता है तो वह खराब हो जाता है। इसके चलते बीच में तीन दिन का समय दिया जा रहा है। मरीजों की संख्या बढ़ी है तो इसमें सुधार भी किया जाएगा। - डा. संजय कुमार शर्मा, सीएमओ

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