पशुपालकों को मिलेगा अनुदान, बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन
प्रदीप तिवारी बहराइच तराई में अब भैंस पड़िया व गाय बछिया को ही जन्म देंगी। अप्रैल से कृत्रिम गर्भाधान के लिए दशकों से प्रयोग हो रहे मिश्रित के बजाय नए सीमन का प्रयोग किया जाएगा।
बहराइच : तराई में अब भैंस पड़िया व गाय बछिया को ही जन्म देंगी। अप्रैल से कृत्रिम गर्भाधान के लिए दशकों से प्रयोग हो रहे मिश्रित के बजाय नए सीमन का प्रयोग किया जाएगा। नए सीमन पर पशुपालकों को अनुदान भी मिलेगा। इसके प्रयोग से बछिया व पड़िया का ही जन्म होगा। खेती किसानी में प्रयोग न होने से बछड़े व पड़वे के बढ़ते जन्मदर की चुनौती से निपटने व किसानों को राहत देने के लिए पशुपालन विभाग ने यह फैसला किया है।
95 फीसद बछिया व पड़िया का ही होगा जन्म : पशुपालन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि तराई में मिश्रित सीमन के प्रयोग से बछिया व पड़िया के जन्मदर का औसत बराबर है। इस समय में जिले में चार लाख भैंस व 3.24 लाख गोवंशीय हैं। इनमें बछिया व पड़वे की संख्या तीन लाख से ज्यादा है, जो कि किसानों के प्रयोग में आ रहे न ही इनका कोई अन्य कारोबार में भागीदारी हो पा रही है। बेसहारा होकर सड़कों पर हादसे की वजह या फिर किसानों के खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। समस्या से निजात व देशी नस्ल की गाय- भैंसों की संख्या बढ़ाकर दुग्ध उत्पादन को धार देने के लिए नए सीमन का प्रयोग शुरू होगा। इस सीमन से 95 फीसद बछिया व पड़िया का ही जन्म होने का दावा किया जा रहा है।
900 रुपये अनुदान पर मिलेगा सीमन : नए सीमन के प्रयोग को बढ़ावा देने व मिश्रित सीमन पर धीरे-धीरे कम करने के लिए सरकार पशुपालकों को अनुदान देगी। एक गाय व भैंस के कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रयोग होने वाले सीमन की कीमत 1200 रुपये है, लेकिन 900 रुपये की छूट होगी। पशुपालकों को 300 रुपये देने होंगे।
मेरठ के बाबूगढ़ सीमन फार्म से होगी आपूर्ति : सीवीओ डॉ. बलवंत सिंह ने बताया कि देशी नस्ल की गाय 15 से 20 लीटर व मुर्रा भैंस प्रतिदिन 10 से 12 लीटर दूध देती हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए शासन ने पहल की है। मेरठ के बाबूगढ़ सीमन फार्म हाउस में नए सीमन तैयार हो रहा है। जिले में मार्च से सीमन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।