खामियां तोड़ रहीं योजनाओं की रीढ़
बहराइच : कुपोषण दूर करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाएं निगरानी के अभा
बहराइच : कुपोषण दूर करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाएं निगरानी के अभाव में धरातल पर नहीं उतरती नजर आ रही है। जिसके चलते योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। ज्यादातर आंगनबाडी केंद्र बदहाल पड़े हैं। नियमित रूप से पोषाहार वितरण नहीं हो पा रहा ऐसे में कुपोषण कैसे दूर होगा।
जिले में कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक है। इन्हें स्वस्थ रखने के लिए बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को पोषाहार देने की व्यवस्था है। ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्रों के समय से न खुलने के कारण लाभार्थी पोषाहार से वंचित रह जा रहे है। केंद्रों पर शिविर लगाकर होता है पोषाहार वितरण जिले के 3054 आंगनबाड़ी केंद्रों पर नमकीन दलिया, मीठी दलिया व प्री मिक्स लडडू वैसे तो हर दिन बंटते है, पर इसके लिए हर महीने की पांच, पंद्रह व पच्चीस तारीख को विशेष शिविर लगता है। चिह्नित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों का वजन के आधार पर पोषाहार की मात्रा तय होती है। इसके बाद उन्हे वितरण किया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने से रहती है समस्या जिले के ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल पड़े है। आए दिन बंद भी रहते हैं। इसके चलते लाभार्थी मायूस होकर यहां से लौट जाते हैं। फखरपुर ब्लॉक के अजीजपुर गांव निवासी सुमन ¨सह, सुनीता, रामावती व नीलम कहती हैं कि हमारे यहां बना आंगनबाड़ी केंद्र कब खुला था यह किसी को पता नहीं। भवन भी अब जर्जर हो चुका है। अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे है। जिसके चलते लोगो को जरूरी पोषाहार नहीं मिल पा रहा है। यही हाल जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का है। जल्द मिलेगा पौष्टिक भोजन डीपीओ सुनील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कई महीने तक जिले में पोषाहार की आपूर्ति नही मिली थी। जून माह से पुन: पोषाहार मिलने लगा है। नियमानुसार वितरण कराया जाता है। उन्होंने बताया कि हॉट कुक्ड योजना के तहत जल्द ही सभी केंद्रों पर पका हुआ पौष्टिक आहार जरूरतमंदों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद रहने पर वहां की कार्यकर्ता के अलावा सीडीपीओ व सुपरवाइजर भी जिम्मेदार होंगे। कुपोषण दूर करने में कोई कसर नही छोड़ी जाएगी। सुपोषण स्वास्थ्य मेला आयोजित कर लोगों को स्वस्थ रहने के टिप्स व पौष्टिक आहार वितरण कर उन्हे जागरूक किया जाएगा।