कतर्निया जंगल में मृत मिला 50 वर्षीय हाथी
सूचना के बाद दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक व डीएफओ यशवंत घटनास्थल पहुंचे
बहराइच: कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतर्निया घाट रेंज अंतर्गत सदर बीट में गेरुआ नदी के किनारे हाथी मृत मिला। सूचना पर दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक एवं कतर्निया के प्रभागीय वनाधिकारी यशवंत मौके पर पहुंचे। मृत हाथी की उम्र लगभग 50 वर्ष बताई जा रही है और शव लगभग चार दिन पुराना लग रहा है।
जंगल में वनकर्मी गश्त कर रहे थे, तभी उन्हें दुर्गंध महसूस हुई। पास जाकर देखा तो हाथी मृत पड़ा था। वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार को तत्काल सूचना दी गई। हाथी की मौत का कारण पता नहीं चल सका है। बीते कुछ दिनों से जंगल में हाथियों की संख्या बढ़ने के साथ ही हादसों में भी बढ़ोतरी हुई है। नेपाल के रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क से खाता कॉरिडोर होते हुए जंगल के रास्ते गेरुआ नदी पार कर जंगली हाथियों का झुंड यहां आ रहा है।
दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार पाठक ने बताया कि मृत हाथी नर है। शव लगभग तीन से चार दिन पुराना है। उसकी उम्र 50 वर्ष के करीब है। मौत की वजह हाथियों की आपसी संघर्ष लग रही है। शव में हाथियों के दांत के निशान दिख रहे हैं। घटना स्थल पर बाघों के पग चिह्न भी पाए गए हैं। चीतल की हड्डियां भी पड़ी हुई हैं। हाथी के शव को बाघ ने भी नोचा है। ---------इनसेट----------
तीन डॉक्टरों का पैनल करेगा पोस्टमार्टम
मृत हाथी के पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। इसमें मिहींपुरवा के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. वीके भार्गव, कतर्नियाघाट के डॉ. सर्वेश राय, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के डॉ. दया शामिल हैं। एनटीसीए के प्रतिनिधि दबीर हसन एवं पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के प्रतिनिधि फैज खान की निगरानी में पोस्टमार्टम होगा। एक माह पूर्व भी हुई हाथी की मौत
बीते छह फरवरी को भी कौड़ियाला बीट के ट्रांस गेरुआ के बेंत के झाड़ियों में 18 वर्षीय हाथी की मौत हो गई थी। तीन पशु चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था, जिसमें हाथी की मौत दम घुटने से बताई गई थी। गत वर्ष गेरुआ नदी में हाथी के एक बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो चुकी है।