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चीन को अष्टांग व हठयोग सिखा रहा कंडेरा का छोरा

संवाद सूत्र, रमाला (बागपत): आज भारतीय योग को दुनियाभर में अपनाया जा रहा है। योग के प्रति विदे

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 10:03 PM (IST)
चीन को अष्टांग व हठयोग सिखा रहा कंडेरा का छोरा
चीन को अष्टांग व हठयोग सिखा रहा कंडेरा का छोरा

संवाद सूत्र, रमाला (बागपत): आज भारतीय योग को दुनियाभर में अपनाया जा रहा है। योग के प्रति विदेशियों में उत्सुकता जगाने में यहां के योगाचार्यो का योगदान कम नहीं है। इसी क्रम में बागपत जिले के कंडेरा गांव के योगाचार्य पंकज तोमर पांच साल से चीन में भारतीय योग की अलख जगा रहे हैं।

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हरिद्वार स्थित पतंजलि योग संस्थान में प्रशिक्षण के बाद पंकज तोमर ने बागपत सहित प्रदेश के कई जिलों में शिविर लगाकर लोगों को योगाभ्यास के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने चीन का रुख किया, जहां पिछले पांच साल में उन्होंने 700 से ज्यादा विदेशियों को हठ योग का प्रशिक्षण दिया।

विदेशी युवतियां लेती हैं ज्यादा रुचि

पंकज बताते हैं कि चीन में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भारतीय योग में ज्यादा रुचि है। वहां लगने वाले प्रशिक्षण शिविरों के हर बैच में 40 से 50 से लोग शामिल होते हैं, जिनमें 80 से 90 फीसदी युवतियां होती हैं। वे बताते हैं कि चीन में ज्यादातर योग केंद्रों का संचालन महिलाएं ही करती हैं।

अपने देश में बेगाना, विदेशियों के लिए खजाना

पंकज बताते हैं कि विदेशी लोग योग को अपने जीवन का अंग बना चुके हैं, लेकिन हम भारतीय लोग अभी भी इसे या तो फैशन मानते हैं या थैरेपी। उन्होंने कहा कि योग में इतना साम‌र्थ्य है कि यदि भारत अपनी इस विरासत का रचनात्मक उपयोग करे तो हजारों करोड़ रुपए जो दवाओं पर खर्च होते हैं, उनको बचाया जा सकता है।


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