सबकी सहभागिता से प्रदूषण से मुक्त होगी जीवन दायिनी गंगा
जनता वैदिक कॉलेज में सोमवार से पर्यावरण का गंगा पर प्रभाव विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हो गया। यूजीसी से अनुदानित सीपीई योजना के तहत आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें।
बागपत, जेएनएन। जनता वैदिक कॉलेज में सोमवार से पर्यावरण का गंगा पर प्रभाव विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हो गया। यूजीसी से अनुदानित सीपीई योजना के तहत आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन इंद्रवीर सोलंकी ने गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा के प्रदूषण पर सविस्तार प्रकाश डाला। उन्होंने गंगा प्रदूषण पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से गांव में प्रदूषकों के अनुपात और उनकी पहचान के बारे में जानकारी दी। विशेष अतिथि चिन्मय डिग्री कालेज हरिद्वार से डा. मनीषा ने कहा कि हम सबको पालने वाली एक ही जीवन दायिनी मां गंगा है। इसीलिए हमें उसके स्वच्छ रखने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
सीसीएस यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर और समाजशास्त्री डा. बीडी महाजन ने कहा कि गांव को स्वच्छ रखना केवल उनके तटवर्ती निवासियों की ही जिम्मेदारी नहीं है अपितु पर्यटकों और धार्मिक कर्मकांड करने वाले लोगों का भी नैतिक कर्तव्य है। जन सहभागिता से ही गंगा को प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता है। एसएस पीजी कॉलेज लखावटी में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. दुष्यंत कुमार ने गंगा पर आर्थिक ²ष्टि से विचार रखें। संचालन डा. देवेंद्र पाल सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य डा. अलका रानी, यूजीसी समन्वयक डा. नरेंद्र सिंह, डा. उर्वेंद्र, डा. लोकेंद्र, डा. श्रीराम शर्मा, डा. सतेंद्र, डा. गीता, डा. नीलम, डा. रश्मि, डा. शीशपाल सिंह, डा. रघुराज सिंह, अमित कुमार पांडेय, डा. देवेंद्र पाल सिंह, डा. इंदु, डा. मालती, डा. रेनु, डा. शीतल, डा. अमित, डा. बृजराज आदि ने विचार रखें।