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वुमनिया नहीं सांड़ की आंख, बागपत में जल्द शुरू होगी तापसी और भूमि की फिल्म की शूटिंग

बागपत की शूटर दादी प्रकाशो और चंद्रो तोमर पर बन रही फिल्म का टाइटल बदल गया है। इसका एलान अनुराग कश्यप ने किया। तापसी और भूमि ने भी कई ट्वीट किए।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 02:09 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 02:09 PM (IST)
वुमनिया नहीं सांड़ की आंख, बागपत में जल्द शुरू होगी तापसी और भूमि की फिल्म की शूटिंग
वुमनिया नहीं सांड़ की आंख, बागपत में जल्द शुरू होगी तापसी और भूमि की फिल्म की शूटिंग
बागपत, जेएनएन। शूटर दादियों की रीयल स्टोरी पर बन रही फिल्म को लेकर फिल्म इंडस्ट्री में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी यह अफवाह फैलाई जाती है कि यह फिल्म नहीं बनेगी, तो कभी फिल्म के नाम पर अपना एकाधिकार जताया जाता है। इन विवादों के बीच फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने जा रहीं अभिनेत्री तापसी पन्नू ने ट्विटर पर ऐसे सभी लोगों को चुनौती दी है। उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर चैलेंज देते हुए उन्होंने कहा है कि वह लोग फिल्म की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं, जिसे जो भी करना है, वो कर ले। इस चुनौती के साथ ही उन्होंने अपनी और भूमि पेडनेकर समेत पूरी टीम की शूटर दादियों के साथ एक फोटो भी ट्विटर पर साझा की है।

आज से शुरू होनी है शूटिंग
फिल्म के निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप हैं। शूटर दादियों के ऊपर वह फिल्म बनाने जा रहे हैं। 10 फरवरी से फिल्म की आधिकारिक शूटिंग प्रारंभ होनी है। शूटिंग प्रारंभ होने से पूर्व ही उनकी फिल्म को लेकर इंडस्ट्री के ही कुछ लोगों ने सवाल उठा दिये हैं। फिल्मकार प्रीतिश नंदी ने फिल्म के टाइटल को लेकर आपत्ति जताई है। प्रीतिश नंदी का दावा है कि ये टाइटल सालों पहले उनकी कंपनी द्वारा रजिस्टर्ड कराया गया था। इसलिये कानूनन अनुराग कश्यप इस टाइटल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस बीच फिल्म के कलाकार भी असहज हैं कि लगातार चल रहे विवादों का फिल्म पर क्या प्रभाव पड़ेगा। उधर शूटिंग शुरू होने जा रही है।
किया एलान
इस पूरे घटनाक्रम के बीच फिल्म में शूटर दादी का रोल निभाने जा रही तापसी पन्नू ने शनिवार दोपहर अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि इस फिल्म को लेकर लोग कभी टाइटल की मारामारी हो जाती है, कभी कुछ और। इसलिए मैं खुद ही इस फिल्म का एनाउंस कर देती हूं। अब जिसे जो करना हो कर ले.। उनकी यह चुनौती फिल्म के जुड़े लोग खूब शेयर कर रहे हैं।
एक करोड़ रुपये न दूंगा?
ट्विटर पर फिल्म के नाम को लेकर अभिनेत्रियों के बीच चल रहे संवाद के बीच निर्माता अनुराग कश्यप और निर्देशक तुषार हीरानंदानी भी रीट्वीट करते रहे। अनुराग का फिल्म के नए टाइटल को लेकर किया गया ट्वीट तथा फिल्म के टाइटल को लेकर एक करोड़ रुपए देने से संबंधित ट्वीट भी सबसे ज्यादा हिट रहा।

दिनभर चलते रहे ट्वीट
शूटर दादियों की आत्मकथा पर फिल्म बनने के आधिकारिक ऐलान के बाद भी अभिनेत्री तापसी पन्नू तथा भूमि पेडनेकर पूरा दिन वुमनिया नाम को लेकर चल रहे विवाद से चिंतित रहीं। उनकी यह चिंता सोशल मीडिया खासकर उनके ट्विटर अकाउंट पर लगातार महसूस की जाती रही। सुबह साढ़े दस बजे फिल्म अनाउंस करने के पहले ट्वीट के बाद तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर के बीच लगातार फिल्म के नाम को लेकर ट्विटर पर कमेंट्स के जरिए चर्चा होती रही, और आखिर में सवा दो बजे तापसी पन्नू ने फिल्म के नए टाइटल की घोषणा की। तब इन दोनों अभिनेत्रियों के बीच चल रहा अनवरत संवाद रुका।
तापसी तुझे तो पता ही होगा टाइटल
दरअसल सुबह साढ़े दस बजे अभिनेत्री तापसी पन्नू ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा..मैं अपने पर्सनल मीडियानेट पर खुद ही पिक्चर अनाउंस कर देती हूं, अब जिसे जो करना हो, कर लो। इसके जवाब में भूमि पेडनेकर लिखती हैं कि.शूटिंग फुल स्विंग पर है, लेकिन फिल्म का नाम क्या है.? तापसी तुङो तो पता ही होगा, क्या है टाइटल.? तापसी ट्विटर पर ही इसका जवाब देती हैं..भगवान जाने यार.! बचपन से सुनते आ रहे हैं, शेक्सपियर ने कहा है, नाम में क्या रखा है’’.। पर यहां तो नाम पे घणों लट्ठ सोटे चल रहे हैं जीजी! हां डिरेक्टर सरजी, के है मारी फालिम का टैटल!.?? अभिनेत्री भूमि थोड़ी देर में रीट्वीट करती हैं..सांड की आंख। तापसी फिर रिप्लाई करती हैं.. यस सांड की आंख, और तापसी पन्नू फाइनली फिल्म के नए टाइटल का ऐलान करने के लिए ट्विटर पर ही लिखती हैं.यो रेहा टाईटल! क्यूंकि माने न दिखती चिड़िया की आंख, माने तो सांड की आंख दिखे है, वो के कवे हैं जीजी अंग्रेजी में। पश्चिम उप्र. खासकर बागपत में प्रयोग होने वाले ठेठ शब्दों का भी प्रयोग बातचीत में किया गया है।

फिल्म बनना सबके लिए गर्व की बात
शूटर दादी प्रकाशो तोमर कहती हैं कि मेरी और जेठानी के जीवन पर फिल्म बनने जा रही है। हमने बहुत संघर्ष किया है। 60 साल की उम्र में ज्यादा भागदौड़ नहीं होती, लेकिन निशानेबाजी के खेल में उम्र कभी हावी नहीं होने दी। यह हमारे संघर्ष की जीत है। दादी चंद्रो तोमर कहती हैं, इससे हमारा तो नाम हो ही रहा है, जौहड़ी गांव, बागपत जिला और पूरे उत्तर प्रदेश के लिए भी यह गर्व की बात है।

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