अब शाकपिट से सहेजेंगे गांवों में अमृत
बागपत को पानी के संकट से आजादी दिलाने को कैच द रेन अभियान मील का पत्थर साबित हो रहा है।
बागपत, जेएनएन। बागपत को पानी के संकट से आजादी दिलाने को कैच द रेन अभियान मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। प्रशासन की सक्रियता से अब ग्राम पंचायतों के विकास योजना में वर्षा जल संचय करने का काम शामिल हो गया है। दस करोड़ लीटर वर्षा जल सहेजने को शाकपिट निर्माण कराने के लिए 84 लाख रुपये का प्लान तैयार किया गया है।
जिले की 244 ग्राम पंचायतों में बारिश का पानी बेकार बहने से रोककर भूमिगत करने को 976 सोकपिट का निर्माण होगा। एक मीटर गहराई तथा एक मीटर गोलाई में वाले प्रत्येक सोकपिट पर 8600 रुपये खर्चा होंगे। प्रत्येक सोकपिट में प्रतिदिन बेकार बहने वाला 800 लीटर भरकर भूमिगत किया जाएगा।
बारिश ही नहीं, हैंडपंपों व गांव की गलियों में बेकार बहने वाला पानी सोकपिट में लगी जाली से साफ होकर धरती की कोख में पहुंचेगा।
लघु सिचाई विभाग के अवर अभियंता विपिन त्यागी बताते हैं कि एक सोकपिट से साल में औसतन एक लाख लीटर जल संचय होना आम है। यदि कहीं ज्यादा चिकनी मिट्टी है, तो सोकपिट से कम भूजल रिचार्ज होगा। सोकपिट से भूजल रिचार्ज होने के साथ गांवों को जलभराव से मुक्ति मिलती है।
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सहेज रहे 13 करोड़ लीटर पानी
वर्तमान में बागपत के गांवों में 1341 सोकपिट बने हैं जिनके जरिए गांव की गलियों में बेकार बहने वाला करीब 13 करोड़ लीटर पानी हर साल जमींदोज हो जाता है।
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-ग्राम पंचायतों की विकास योजनाओं में कैच द रेन अभियान के तहत गांवों में सोकपिट बनवाने का काम शामिल करा दिया है। अब गांवों में वर्षा जल संचय होगा।
-कुमार अमरेंद्र, जिला पंचायत राज अधिकारी