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बागपत में गहरे हैं आतंकियों के तार, पड़ताल में जुटी पुलिस

जागरण संवाददाताबागपत पश्चिमी उप्र के सहारनपुर जिले से दो आतंकियों की धर-पकड़ के बाद ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 09:39 PM (IST)
बागपत में गहरे हैं आतंकियों के तार, पड़ताल में जुटी पुलिस
बागपत में गहरे हैं आतंकियों के तार, पड़ताल में जुटी पुलिस

जागरण संवाददाता,बागपत : पश्चिमी उप्र के सहारनपुर जिले से दो आतंकियों की धर-पकड़ के बाद बागपत में भी अलर्ट घोषित हो गया है। पुलिस ने जिले में आतंकियों के पुराने तार टटोलना शुरू कर दिया है।

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बागपत के भी आतंकियों से गहरे कनेक्शन रहे हैं। करीब 13 साल पूर्व एसटीएफ ने जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर टांडा गांव के जुबैर को मुठभेड़ में मार गिराया था। तब वह सीमा पार कर पाकिस्तान जाने की फिराक में था। संसद भवन व वाराणसी के सीरियल ब्लॉस्ट तक में बागपत के तार जुड़े रहे हैं।

संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 के हमले में पकड़े गए आतंकियों ने बिलाल का नाम लिया था। बताया गया था कि बिलाल बड़ौत में रहा। एसटीएफ ने बिलाल को पकड़ने के लिए कई बार यहां दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला था। वाराणसी ब्लास्ट के मुख्य आरोपित वली उल्ल्लाह का साथी छपरौली के टांडा गांव का जुबैर था। उसे मई 2006 में एसटीएफ ने जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ में मारा था। उसके साथी इफ्तखार पर भड़काऊ सीडी बांटने का छपरौली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसको पुलिस ने दिसंबर 2013 में पानीपत से गिरफ्तार किया था।

पांच कश्मीरी छात्र हैं लापता

बड़ौत में पढ़ने वाले पांच कश्मीरी छात्र वर्ष 2001 में संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गए थे। वे अपने घर नहीं लौटे। उनके परिजनों ने पुलिस से शिकायत भी की थी। पुलिस ने उनकी काफी पड़ताल की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। खुफिया तंत्र की फाइलों में आज भी यह राज दबा हुआ है।

पाकिस्तान से आती

रहती है कॉल

जनपद के लोगों पर पाकिस्तान से फोन आते रहते है। कई बार इसकी पुलिस से शिकायत भी की गई,लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

की जा रही संदिग्धों

की चे¨कग: एएसपी

एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सहारनपुर में आतंकी पकड़े जाने के बाद से बागपत में सघन चे¨कग अभियान चलाया जा रहा है। खुफिया तंत्र सक्रिय है। किराए पर रहने वालों का सत्यापन किया जा रहा है।


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