जघन्य अपराध करने पर ही दर्ज करें बच्चों के खिलाफ मुकदमा : लांबा
यूनिसेफ के मेरठ व बरेली के मंडलीय सलाहकार गुरुमुख सिंह लांबा ने कहा कि जघन्य अपराधों पर ही केस दर्ज हो।
बागपत, जेएनएन। यूनिसेफ के मेरठ व बरेली के मंडलीय सलाहकार गुरुमुख सिंह लांबा ने कहा कि जघन्य अपराध करने पर ही नाबालिगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। छोटे व गंभीर अपराध करने पर सिर्फ थाने की जीडी में एंट्री की जाए।
लांबा ने पुलिस लाइन सभागार में बुधवार को बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी, थाने पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारी, बाल विवाह प्रभारी एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ गोष्ठी की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह, होटल, ढाबा, दुकानों व अन्य स्थानों पर कोई बाल श्रम न करें।
यदि किसी स्थान पर बाल श्रमिक मिलते है तो उनका पूनर्वास किया जाए। जेजे एक्ट के तहत तीन साल की सजा के अपराध को छोटा अपराध, सात साल से कम के अपराध को गंभीर अपराध तथा सात साल से अधिक की सजा के अपराध को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है। यदि नाबालिग छोटा व गंभीर अपराध करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज न किया जाए, सिर्फ जीडी में ही एंट्री करें। यदि किसी व्यस्क के साथ नाबालिक अपराध करता है या जघन्य अपराध करें, तभी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। अपराध करने पर नाबालिग को अपराधी न लिखें, उसको अपचारी लिखा जाए। इसी तरह उसके पकड़े जाने पर गिरफ्तार करने के बजाए संरक्षण में होना लिखा जाए। अपराध करने पर अपचारी को पकड़ते समय पुलिसकर्मी सादी वर्दी में रहे। नाबालिग की उम्र का निर्धारण सबसे पहले शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर करे। यदि कोई अशिक्षित है, तो नगर निकायों के प्रमाण पत्र के आधार पर निर्धारण करें। यदि उक्त प्रमाण भी नहीं है तो मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर बालिग व नाबालिग माने। इस दौरान सीओ दिलीप सिंह ने भी महत्वपूर्ण जानकारी दी।