अनफिट के बाद भी फिट हैं हजारों वाहन, रोड पर भर रहे फर्राटे
जनपद के पांच हजार वाहन अनफिट के बाद भी फिट हैं।
बागपत, जेएनएन। जनपद के पांच हजार वाहन अनफिट के बाद भी फिट हैं। ये अनफिट वाहन रोड पर भर्राटे भर रहे हैं। पुलिस व परिवहन विभाग के अफसर चाहते हुए भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए उनको छूट मिली है। ऐसी स्थिति में वाहन स्वामी और चालकों को समझदारी से काम लेना चाहिए। जरूरी है कि वाहन का रखरखाव ठीक रखें और समय से फिटनेस कराए।
कोविड-19 के मद्देनजर भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने वाहन स्वामी और चालकों को बड़ी राहत दी है। इस साल एक फरवरी से 31 दिसंबर तक जिन वाहनों की फिटनेस व परमिट की अवधि खत्म हो गई है। उनको खत्म नहीं, बल्कि वैद्य माना जाएगा। इतना ही नहीं इस समय सीमा में जिन लोगों के ड्राइविग लाइसेंस की अवधि खत्म हो गई है, उनके ड्राइविग लाइसेंस भी वैध माने जाएंगे। बागपत के एआरटीओ कार्यालय में 21,444 कामर्शियल वाहन पंजीकृत हैं। इनमें से पांच हजार वाहन की निर्धारित अवधि में फिटनेस तथा एक हजार वाहन का परमिट खत्म हो गया है। 1500 लोगों के ड्राइविग लाइसेंस की भी समय सीमा पूरी हो गई है। नवीनीकरण में छूट मिलने के बाद वाहन स्वामी व चालक लापरवाही कर रहे हैं और उक्त वाहनों को सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। पुलिस व परिवहन विभाग के अफसर रोड पर ऐसे वाहनों को चेकिग के दौरान रोकते हैं, लेकिन कार्रवाई न करके कागज पूरे कराने की सलाह देकर छोड़ देते हैं। वहीं कुछ चालक जागरूक भी हैं। जो अपने वाहनों को लेकर फिटनेस व परमिट के लिए सुबह ही परिवहन विभाग के दफ्तर में पहुंच जाते है। उधर, एआरटीओ सुभाष राजपूत का कहना है कि परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों का पालन किया जा रहा है। पांच साल के लिए बनता है वाहन का परमिट
एआरटीओ का कहना है कि ट्रांसपोर्ट वाहन का पांच साल के लिए परमिट बनता है। वहीं पहले आठ साल तक ट्रांसपोर्ट वाहन की दो-दो साल में फिटनेस जांच करानी होती है, फिर प्रत्येक वर्ष।