मील का पत्थर साबित हुआ तीन तलाक कानून
तीन तलाक कानून बने एक साल हो गया है। यह कानून मील का पत्थर साबित हुआ।
बागपत, जेएनएन। तीन तलाक कानून बने एक साल हो गया है। यह कानून मील का पत्थर साबित हुआ। न केवल तीन तलाक, बल्कि घरेलू हिसा के मामलों में भी कमी आई है। पिछले एक साल में तीन तलाक के जनपद में 17 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से दस केसों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
महिला थाना प्रभारी नेहा चौहान का कहना है कि गत वर्षो के मुकाबले तीन तलाक तथा घरेलू हिसा की कम शिकायतें आई हैं। पहले घरेलू हिसा की एक साल में करीब 150 शिकायती आ जाती थीं, लेकिन इस साल अभी तक सिर्फ 65 शिकायतें मिली है।
महिला हेल्प लाइन की सुगम कार्यकर्ता खुशनसीब का कहना है कि कानून बनने से तीन तलाक देने वालों में डर पैदा हुआ है। हालत यह है कि तलाक देने के बाद भी लोग मुकर रहे हैं। एक व्यक्ति ने तो तीन तलाक लिखा शपथ पत्र ही फाड़ दिया। कानून बनने से महिलाओं को सम्मान मिला है।
शिक्षिका निशा मिर्जा का कहना है कि कानून में और सख्ती की जरूरत है, ताकि कोई व्यक्ति तलाक देने के बारे में सोच भी नहीं सके।
जय भारत माता जन सेवा कल्याण सेवा ट्रस्ट की सचिव शबनम त्यागी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाया गया तीन तलाक कानून सराहनीय है। इससे पीड़ित महिलाओं को इंसाफ मिला है।