जेल में बंद कुख्यात ने प्रधानपति को दी धमकी
जासं, बागपत : फाइनेंसर मनोज उर्फ नीटू हत्याकांड के गवाह बंदपुर गांव के प्रधानपति को जेल मे
जासं, बागपत : फाइनेंसर मनोज उर्फ नीटू हत्याकांड के गवाह बंदपुर गांव के प्रधानपति को जेल में बंद कुख्यात ने फोन पर धमकी दी है।
प्रधानपति प्रवीण चौधरी ने बताया कि उनके मोबाइल पर रविवार दोपहर अज्ञात नंबर से दो मिस कॉल आई। दो मिनट बाद उसी नंबर से कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम लेते हुए कहा कि नीटू हत्याकांड की पैरवीं न कर, वरना अंजाम बुरा होगा। कॉल करने वाला आरोपित नीटू हत्याकांड के मामले में जिला कारागार में बंद है। प्रधानपति का कहना है कि उन पर 22 अक्टूबर 2014 को घर पर ही जानलेवा हमला हुआ था। वे गोली लगने से बाल-बाल बचे थे। नीटू की पत्नी पर भी हमला हो चुका है। कई बार धमकी मिल चुकी है। उन्होंने कोतवाली पुलिस से शिकायत की। उधर कोतवाल शिव प्रकाश ¨सह का कहना है कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
बागपत : काठा गांव निवासी मनोज उर्फ नीटू की तीन अगस्त 2013 को हाईवे पर रिवर पार्क के पास गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। नीटू के चचेरे भाई कमलजीत की तहरीर पर कोतवाली में विक्रांत उर्फ विक्की निवासी सुन्हैड़ा, हरेंद्र निवासी हिसावदा, जसवीर उर्फ जस्सू निवासी सांकरौद, तरुण निवासी बंथला (गाजियाबाद) के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस की विवेचना में योगेंद्र उर्फ बिट्टू निवासी बंदपुर, कय्यूम निवासी सुन्हैड़ा का नाम प्रकाश में आया था। दो आरोपित बिट्टू व जसवीर फिलहाल जमानत पर जेल से छूटे हुए है। बाकी आरोपित जेल में बंद है। प्रधानपति का आरोप है कि जेल में बंद आरोपितों में से एक ने ही फोन पर धमकी दी है।
जेल में मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगाने में अफसरान फेल
जासं,बागपत : बंदपुर गांव के प्रधानपति प्रवीण चौधरी को धमकी मिलने के बाद राजफाश हो गया कि कुख्यात अब भी जेल में मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि पूर्व में कई बार इसका पर्दाफाश हो चुका है। कुख्यात सुनील राठी ने जिला कारागार से ही रुड़की के डॉक्टर एनडी अरोड़ा से फोन कर रंगदारी मांगी थी। अपराधी जाहिद उर्फ लम्बू ने पुराना कस्बा के एक व्यापारी से फोन कर रंगदारी मांगी। काठा गांव के एक अपराधी ने मवीकलां गांव के एक किसान के मोबाइल पर कॉल कर केस में समझौता करने का दबाव बनाया था, बात न मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए। जेल में अपराधियों के मोबाइल इस्तेमाल की शिकायत मेरठ कमिश्नर के पास भी पहुंची थी। उनके आदेश पर नवंबर 2017 में मेरठ के तत्कालीन एडीएम और बागपत एसपी ने छापामारी की तो जेल से दो मोबाइल बरामद हुए थे। इनमें एक स्मार्ट मोबाइल शामिल था। जेल में खोदाई कर कर्मचारी मोबाइल निकाल चुके हैं। उधर जेल के अफसरों का कहना है कि यहां पर कोई भी बंदी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता है।