बरामद गेहूं, चावल पीएम गरीब कल्याण योजना का राशन होने का अंदेशा
क्षेत्रीय खाद्य विपणन गोदाम के पास से दिव्य पब्लिक स्कूल में बरामद गेहूं और चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
बागपत, जेएनएन : क्षेत्रीय खाद्य विपणन गोदाम के पास से दिव्य पब्लिक स्कूल में बरामद गेहूं और चावल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का होने का पूरा-पूरा अंदेशा है। सरकार ने यह राशन कोरोना काल जैसे बुरे वक्त में उन निर्धन लोगों के लिए भेजा था, जिनके काम-धंधे छूटे हुए हैं और जिनके लिए दो वक्त रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है। यह राशन कहीं बाहर से नहीं, बल्कि क्षेत्र की ही सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से खरीदा गया है। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर जिस तरह राशन की कालाबाजारी हो रही है, उसे देखकर तो यही लगता है कि सरकार के लापरवाह अफसरों की फौज चादर तानकर सो रही है।
कलक्ट्रेट प्रभारी रामनयन, सीओ अनुज कुमार मिश्र, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी बड़ौत और बिनौली पुलिस ने चार जुलाई की शाम छह बजे बिनौली में बंद पड़े दिव्य पब्लिक स्कूल में छापेमारी कर सरकारी राशन की कालाबाजारी होते पकड़ी थी। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी बड़ौत विकास सिंह ने अरुण जैन पुत्र आनंद जैन निवासी बड़ा जैन मंदिर समेत छह लोगों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया है। राशन की कालाबाजारी में अरुण जैन के खिलाफ यह कोई पहला मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, बल्कि इससे पहले भी पांच मुकदमे बिनौली थाने में दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से दो मुकदमे राशन की कालाबाजारी के हैं। एक मुकदमा इसी साल और दूसरा मुकदमा तीन साल पहले दर्ज हुआ था। यह जानकारी बिनौली पुलिस ने दी है।
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दिव्य पब्लिक स्कूल के संचालक
के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने बताया कि बिनौली रोड पर खाद्य गोदाम से लगभग 50 मीटर दूर स्थित दिव्य पब्लिक स्कूल बंद है। इसी स्कूल में राशन की कालाबाजारी होती थी। स्कूल का संचालन सुधीर तोमर पुत्र रामप्रसाद तोमर निवासी रंछाड़, हाल निवासी साहिबाबाद, गाजियाबाद करता है। सुधीर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। विपिन की 25 प्रतिशत
की साझेदारी थी
बिनौली के रहने वाले विपिन पुत्र रोहताश ने टीम के सामने बयान दिया कि दिव्य पब्लिक स्कूल में अरुण जैन के लिए गेहूं व चावल के काम में 25 प्रतिशत मुनाफे पर मुनीम का कार्य करता था। सरकारी राशन कहां से खरीदा जाता था और कहां भेजा जाता था, इसकी जानकारी उसने छापा मारने वाली टीम को नहीं दी है।