नाली पर डाले लिटर की ऊंचाई बनी मुसीबत
पुसार-बिराल मार्ग पर नाली के के ऊपर बनवाए गए लिटर की ऊंचाई अधिक होने से परेशानी हो रही है.
बागपत, जेएनएन। पुसार-बिराल मार्ग पर नाली के के ऊपर बनवाए गए लिटर की ऊंचाई अधिक होने के कारण वाहन पलटने से दुर्घटना का डर बना रहता है। शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान न होने से नाराज स्टैंड वासियों ने धरना दिया।
बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग के निर्माण के समय क्षेत्र के पुसार बस स्टैंड पर बनवाई गई नाली पर डाले गया लिटर मानक के अनुरूप नहीं बनवाई गई है, जिससे आए दिन गन्ने से भरे वाहन पलटने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसकी स्टैंड वासी शिकायत भी कर चुके हैं। समस्या का समाधान नहीं कराया गया है, जिससे नाराज पुसार स्टैंड वासियों ने गुरुवार को पुसार बिराल मार्ग पर धरना दिया। आरोप है कि जिस समय बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग बना था, उसी समय नाली भी बनवाई गई थी। नाली पर जो लिटर डाला गया है, उसकी ऊंचाई मार्ग से करीब तीन फीट ऊंची कर दी गई। इससे गन्ना भरे वाहन कई बार पलट चुके हैं। इस समस्या का समाधान कराने के लिए कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं कराया गया है। इस मौके पर ऋषिपाल सिंह, सोमपाल, नीरज, सहदेव सिंह, विक्रम, अमरपाल, सेवाराम, उदयवीर, सौदान, रिजवान, राजवीर, ओमकार, फारूख आदि मौजूद रहे। वहीं, इस संबंध में पीडब्ल्यूडी मुरादाबाद जेई प्रमोद राणा ने बताया कि यदि मानक के अनुसार नाली पर लिटर नहीं डाली गई है, तो ठेकेदार को भेजकर उसे ठीक कराया जायेगा। जेई मुरादाबाद से फोन पर हुई बातचीत के बाद मिले आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। पुलिया निर्माण न होने से आवागमन में परेशानी
क्षेत्र के लूंब गांव में नाले पर पुलिया निर्माण न होने से ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है। लंबे समय से ग्रामीण पुलिया की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लूंब गांव में टांडा-रमाला मार्ग पर बने नाले पर कई रास्तों पर पुलिया न होने से लोगों को जान-जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ती है।
बरसात दिनों में पानी बढ़ जाने से ग्रामीणों के सामने समस्या विकट हो जाती है। लोगों ने नाला पार करने के लिए लकड़ी व पत्थरों डालकर जुगाड़ कर रखा है। ऐसे में दुर्घटना का खतरा हर समय बना रहता है। इसी समस्या को लेकर गुरुवार को धर्मेंद्र, उपेंद्र, ऋषिपाल, अनिल, नरेंद्र, प्रमोद, ब्रिजपाल व ब्रह्मपाल आदि ग्रामीणों ने नाले के पास प्रदर्शन किया। लवी, रामकुमार, ओमबीर, सुमित, सत्यवान, गुलबीर, यशवीर, योगेश, प्रदीप व सुधीर आदि ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इसमें फंसकर पशुओं के पैर टूट चुके हैं और कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल भी हो चुके हैं। पिछले छह महीनों से ग्रामीण ठेकेदार से पुलिया निर्माण की मांग आ रहे हैं, मगर ठेकेदार बजाय पुलिया निर्माण कराने के आश्वासन देकर ग्रामीणों को टरका रहा है। प्रशासन से लगातार शिकायतों के बावजूद भी ठेकेदार के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके लिए ग्रामीण सरकारी महकमें की उदासीनता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।