हवा में हुआ दस हजार किसानों का गन्ना सर्वे
हवा में हुआ 10 हजार गन्ना सर्वे ने किसानों के बाद अब अधिकारियों एवं कर्मियों की नींद उड़ा रखी है।
बागपत, जेएनएन। हवा में हुआ 10 हजार गन्ना सर्वे ने किसानों के बाद अब अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नींद उड़ा रखी है। गलत गन्ना सर्वे ठीक कराने को पहले किसानों को दौड़ना पड़ा। वहीं, अब अधिकारियों-कर्मियों को संशोधित डाटा अपलोड और चेक करने में पसीना बहाना पड़ रहा है। बावजूद इसके गलत गन्ना सर्वे करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई।
बागपत के 78 हजार से ज्यादा किसान चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करते हैं। अगस्त-सितंबर में नये पेराई सत्र के लिए गन्ना सर्वे हुआ, लेकिन सर्वे रिपोर्ट देखते ही हजारों किसानों में खलबली मच गई। सर्वे में किसानों का बेसिक गन्ना कोटा सिफर करने, गन्ना प्रजाति गलत दर्ज करने, गन्ना एरिया कम दर्ज करने, अगेती प्रजाति को पछैती और पछैती प्रजाति को अगेती में दर्ज करने जैसी त्रुटियां की गई। किसानों ने गलत गन्ना सर्वे सही कराने को गन्ना तथा राजस्व विभाग में भागदौड़ करनी पड़ी।
वहीं, अब गन्ना विभाग के अधिकारियों तथा कर्मियों को गन्ना सर्वे का संशोधित डाटा अपलोड और चेक करने में रात-दिन लगना पड़ रहा है। शनिवार को अवकाश में भी गन्ना विभाग में किसानों के संशोधित गन्ना सर्वे डाटा अपलोड और चेक करते दिखे।
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि अधिकांश गन्ना किसानों का डाटा फीड करा दिया गया है। हम एक-एक किसान का डाटा चेक कर रहे हैं, ताकि कोई खामी न रह गई हो।
वहीं, जिला गन्ना अधिकारी अनिल कुमार भारती ने माना कि बागपत जनपद में दस हजार से ज्यादा किसानों के गन्ना सर्वे में संशोधन करना पड़ा है। अब इन किसानों को चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने में परेशानी नहीं होगी।