बजरंगी के फोन-डायरी में हैं दहशत के राज
जहीर हसन, बागपत : नौ जुलाई को बागपत जेल में मौत के घाट उतारे गए माफिया मुन्ना बजरंगी
जहीर हसन, बागपत :
नौ जुलाई को बागपत जेल में मौत के घाट उतारे गए माफिया मुन्ना बजरंगी के स्मार्ट फोन और डायरी में दहशत की दुनिया के सनसनीखेज राज छिपे हैं। उच्च अधिकारी काल डिटेल खगालने के साथ डायरी पढ़ने में जुटे हैं। सूत्र बताते हैं कि इससे यूपी से मुंबई तक के सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं। पुलिस मुन्ना के शार्प शूटर तक पहुंच सकती है।
मुन्ना की मौत के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि बजरंगी का स्मार्ट फोन, डायरी, कागज की पर्ची तथा अन्य कई चीज किसके पास हैं? सूत्रों पर विश्वास करें तो हत्या के तत्काल बाद स्मार्ट फोन और डायरी सुनील राठी ने कब्जा ली थी। राठी ने अपने गुर्गे से मुन्ना के फोन का डाटा दूसरे स्मार्ट फोन में कापी करा लिया था। डायरी में दर्ज ब्यौरा पढ़कर उसने कई पन्ने फाड़कर जेल में कहीं छिपा दिए हैं। सूत्रों का दावा है कि पुलिस ने सुनील से बजरंगी का फोन और डायरी बरामद कर ली थी। पूछताछ के बाद जेल में गहन छानबीन भी की गई। वाट्सएप पर भेजे और रिसीव किए गए मैसेज, चेटिंग और स्टेटस से कई पहलू स्पष्ट हो जाएंगे। फोन में मुन्ना के पूरे इतिहास की कुंडली है। उसने किसे और कब फोन किया? कब और कितने लोगों ने उसे फोन किया? फोन में कितने और किस-किसके नंबर दर्ज हैं? डायरी में क्या लिखा है? बागपत जेल आने से पहले बजरंगी और राठी में कोई बात हुई थी? डायरी में दर्ज नामों से उसका क्या संबंध है? झांसी से चलने से पहले मुन्ना ने किस से बात की? सबसे बड़ी उम्मीद इस बात की है कि मुन्ना के शूटर सामने आ सकते हैं। मुन्ना की हत्या के बाद उसके कई शूटर भूमिगत हो चुके हैं। हालांकि एसपी जयप्रकाश ने मुन्ना के फोन और डायरी मिलने से इन्कार किया है।