पर्यावरणविदों ने जल के अतिदोहन की तरफ खींचा ध्यान
शिकोहपुर गांव में जल बचाओ जीवन बचाओ थीम पर जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर जल संरक्षण के लिए जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया। रविवार को प्रकृति बचाओ आंदोलन संस्था के तत्वावधान में संजीव बलजौर सिंह के आवास पर हुए कार्यक्रम में काफी संख्या में पर्यावरणविदों और ग्रामीणों ने भाग लिया।
बागपत, जेएनएन। शिकोहपुर गांव में जल बचाओ, जीवन बचाओ थीम पर जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर जल संरक्षण के लिए जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया।
रविवार को प्रकृति बचाओ आंदोलन संस्था के तत्वावधान में संजीव बलजौर सिंह के आवास पर हुए कार्यक्रम में काफी संख्या में पर्यावरणविदों और ग्रामीणों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने पानी के दुरुपयोग की तरफ लोगों का ध्यान खींचा। कहा कि भू-जल के अतिदोहन से बचने के लिए फसल चक्र पर विचार करना होगा। वर्षा के जल का संचयन वृहद स्तर पर शुरू कर देना चाहिए। पशुओं के पीने के पानी की उपलब्धता और फसलों की सिचाई के विकल्प के रूप में जल संचयन प्रणाली को विश्वव्यापी तौर पर अपनाया जा रहा है।
पूर्व मंत्री ओमवीर तोमर ने कहा कि जलपुरुष के मार्गदर्शन में लोक गायक स्व. पृथ्वी सिंह बेधड़क की जन्मभूमि से पानी बचाओ अभियान की शुरुआत की गई, जो आस-पास के गांवों से होती हुई पूरे पश्चिमी उप्र को जागरूक करेगी। इतिहासकार डा. अमित राय जैन और पर्यावरणविद संजय राणा ने कहा कि सभी प्राचीन सभ्ययताएं नदियों के किनारे ही विकसित हुई हैं, लेकिन मनुष्य नदी और नीर के सम्मान को भूलता जा रहा है अपने अस्तित्व के बचाव के लिए इनका सम्मान करना होगा। गोष्ठी में 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जो जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य करेगी। अध्यक्षता धर्मपाल चेयरमैन और संचालन भजन गायक सहदेव सिंह बेधडक ने किया। इस मौके पर अर्जुन अवार्डी शोकेंद्र तोमर, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी, विक्रम आर्य, योगेंद्र वैदिक, अशोक आर्य, प्रो. राजपाल सिंह, कृष्णपाल सिंह डौला, हाजी निसार, बाबू विक्रम सिंह, मदन प्रधान, सुभाष नैन, चौधरी सुरेंद्र सिंह, वीरसैन चिकारा, महेंद्र बावली आदि मौजूद थे।