मैं चौगामा हूं, मेरी भी सुन लो सरकार..
दो जहरीली नदियों के बीच चौगामा क्षेत्र के लोगों की व्यथा।
बड़ौत: 'मैं चौगामा हूं। मेरे क्षेत्र में हिडन और कृष्णा नदी बह रही हैं। इनका पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि बीमारियां बांट रहा है। क्षेत्र में कोई कैंसर से बीमार है तो कोई दिव्यांगता का दंश झेल रहा है। एनजीटी तो मेरी व्यथा सुन रही है, लेकिन लाख चिल्लाने के बावजूद सरकार को मेरे क्षेत्र के लोगों की तनिक भी परवाह नहीं है। लोगों को शुद्ध पेयजल पहुंचे, इसके लिए करोड़ों के प्लान बनते जा रहे हैं, लेकिन वह फाइलों में सिमट रहे हैं। एक, दो, तीन, चार नहीं बल्कि कितने ही लोग समय से पहले मौत के मुंह में जा चुके हैं। मौतों का यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह लखनऊ से ही शुद्ध पेयजल पर बनने वाली योजनाओं की मोनेटरिग करे। एक नजर में दोनों नदियां..
हिडन नदी सहारनपुर जनपद के कालूवाला के पास शिवालिक की पहाड़ियों से आती है जो गौतमबुद्धनगर जनपद के तिलवाड़ा और मोमनाथल के पास समाप्त होती है इसकी लंबाई लगभग 355 किमी है। कृष्णा नदी सहारनपुर जनपद के दरारी गांव से से आती है, जो बागपत के बरनावा गांव में हिडन नदी में मिलकर समाप्त होती है। इसकी की लंबाई लगभग 153 किमी है। इनकी कौन सुने पुकार?
प्रदूषित पानी से गंभीर बीमारी से जूझ रहे गांगनौली गांव के सुखबीर सिंह, ओम सिंह, सुदेश, संजीव, विकास आदि ने बताया कि उनके बीमार होने का कारण नदी का प्रदूषित पानी ही रहा है। सरकार को चाहिए कि उपचार में मदद करें, लेकिन सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। आए दिन शुद्ध पेयजल को करोड़ों के प्लान बनते हैं, लेकिन यहां तक नहीं पहुंच जाते हैं। पूर्व प्रधान धर्मेद्र राठी ने बताया कि प्रदूषित पानी से गांव में काफी लोग कैंसर, पीलिया, एलर्जी आदि बीमारियों से जूझ रहे हैं सरकार को उपचार कराने के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए।