रामपाल का जुनून है विक्षिप्तों की सेवा व घायल पशु-पक्षियों की सेवा
बड़ौत(बागपत): जौहड़ी गांव के रहने वाले रामपाल मेगलान पिछले 20 साल से सड़क पर घूमने वाले लोगों की जान बचा चुके हैं।
बड़ौत(बागपत): जौहड़ी गांव के रहने वाले रामपाल मेगलान पिछले 20 साल से सड़क पर घूमने वाले विक्षिप्तों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें खाना खिलाते हैं और पहनने के लिए कपड़े देते हैं। कई बार सामने आने पर घायल पशु-पक्षियों को उपचार के लिए अस्पतालों में भी पहुंचाते हैं। कई बार परिवार के लोग उनके इस काम से परेशान भी हो जाते हैं, लेकिन उसके बावजूद रामपाल का विक्षिप्तों की सेवा और घायल पशु-पक्षियों के उपचार कराने का जुनून कम नहीं हो रहा है।
रामपाल ने बताया कि जब भी सड़क पर कोई अर्द्ध विक्षिप्त या विक्षिप्त को बेहाल घूमते-फिरते देखते हैं तो उनसे रुका नहीं जाता है और वह अपने पास या दूसरे से मदद लेकर उसकी सहायता कर देते हैं। वह पिछले सालों में 160 से ज्यादा ऐसे बेसहारा लोगों की सहायता कर चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि घर, सड़क, दुकान या खेतों में उन्हें यदि घायल अवस्था में कोई पशु या पक्षी दिखाई दे जाता है तो वह उसे पकड़कर पशु या पक्षियों के अस्पतालों में पहुंचा देते हैं, जिससे उसकी जान बच जाती है।
उन्होंने तीन ऐसे मेंढक की जान बचाई है जो सांप के मुंह में आधे अंदर और आधे बाहर थे। उनकी निगाह पड़ी तो उन्होंने सांप से मेंढक छुड़ा दिए। रामपाल लोगों को सलाह देते हैं कि विक्षिप्तों से सब किनारा करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। जहां भी ऐसे लोग दिखाई दे तो उनकी सहायता करनी चाहिए। हाल ही एक माह में वह तीन कुत्तों और दो पक्षियों का उपचार भी करा चुके हैं। उपचार में आने वाले कम खर्च को तो वह स्वयं वहन कर लेते हैं, लेकिन ज्यादा खर्च होता है तो वह दूसरों की मदद से घायल पशु या पक्षी का सही होने तक उपचार करा देते हैं।