आसमान में छाये बादल, हुई रिमझिम बरसात
बारिश से मौसम सुहाना हो गया लेकिन किसानों की जान पर बन आई है। इस समय बागपत में 56 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार है।
जागरण संवाददाता, बागपत:
मौसम का मिजाज बिगड़ने से करीब एक लाख किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें खिची है। दरअसल गत दो दिन से मौसम में बदलाव है। बुधवार शाम में तेज हवा चली और बारिश होने लगी। बारिश से मौसम सुहाना हो गया लेकिन किसानों की जान पर बन आई है। इस समय बागपत में 56 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की फसल पककर तैयार है। कुछ किसानों ने तो गेहूं की कटाई भी शुरू कर दी है। ऐसे में बारिश होना गेहूं तथा सरसों की फसल के लिए अच्छा नहीं है।
किसानों को चिता है कि कहीं ओलावृष्टि हो गई तो उनकी छह माह की खून पसीने की कमाई जाती रहेगी। हालांकि अभी गेहूं की फसल में नुकसान नहीं है पर यदि आगे भी ऐसा ही मौसम रहा और बारिश या ओलावृष्टि हो गई तो किसानों के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। यही कारण है कि परेशान हाल किसानों की नजर अब आसमान की तरफ है और भगवान से मौसम साफ रहने की दुआ मांग रहे हैं।
सिसाना के मांगेराम, गौरीपुर के राजू और निवाड़ा के इंतजार अली का ने कहा कि पिछले कई साल से मौसम उस वक्त पर दगा देता है जब गेहूं की फसल पककर तैयार होती है। उप कृषि निदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि इस बारिश से गेहूं की फसल में कोई नुकसान नहीं है। वहीं बारिश से भट्टा मालिका और मजदूर भी परेशान हैं। बारिश में कच्ची ईंटों में नुकसान होता है।
बिजली आपूर्ति ठप
बागपत: बुधवार की शाम तेज हवा चलने और बारिश होने से जनपद में कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बागपत, अग्रवाल मंडी टटीरी, अमीनगर सराय, खेकड़ा, छपरौली, दोघट और खेकड़ा कस्बों और गांवों में दो घंटे बिजली आपूर्ति ठप रही है। एक्सईएन राजबीर सिंह आर्य ने बताया कि तेज हवा में बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ती है, क्योंकि ब्रेकडाउन का डर रहता है।