यह बैंक किलकारी गूंजते ही खोलता है मां का खाता
चौकिए मत!..एक बैंक ऐसा है जो बच्चों की किलकारी गूंजते ही खाता खोलने को माताओं के पास चला आता है। कागज की जरुरत न गवाह की। प्रसव के बाद माता का दो मिनट में खाता खुलकर एक्टिव हो जाता है।
बागपत, जेएनएन: चौंकिए मत!..एक बैंक ऐसा है जो बच्चों की किलकारी गूंजते ही खाता खोलने को माताओं के पास चला आता है। कागज की जरूरत होती है न गवाह की। प्रसव के बाद मां का दो मिनट में खाता खुलकर एक्टिव हो जाता है। यह बैंक टीबी मरीजों का तो इतना गहरा दोस्त है कि हर माह उनके घर जाकर पूछता है कि खाते से रुपये निकलवाना है क्या? यह बेहतरीन सेवा दे रहा है इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक।
सितंबर 2018 में इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक लांच हुआ। बागपत की 143 डाकघरों में 160 डाकियों के दम पर कम अवधि में खासी पहचान बना चुका है।
बागपत की शाखा के प्रबंधक पवन प्रताप सिंह ने बताया हमारा फोकस उन गरीबों पर है, जिनकी पहुंच बैंकों से दूर है। हम महज दो मिनट में खाता खोलकर एक्टिव कर ग्राहक को खाता नंबर उपलब्ध कराते हैं। पेपरलेस खाता खुलता है यानी कोई फार्म भरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आधार नंबर जरूर चाहिए।
ढाई सौ से ज्यादा टीबी मरीजों के उनके घर पर खाते खोलकर हर माह सरकार से मिलने वाले 500 रुपये उनके घर पहुंचाते हैं। वहीं 100 माताओं के प्रसव के तुरंत बाद उनके पास जाकर बैंक खाते खोले। खाता खुलने से माताओं को जननी सुरक्षा योजना का तुरंत भुगतान मिलने लगा।
बता दें कि जननी सुरक्षा योजना से ग्रामीण महिला को 1400 एवं शहरी एरिया की महिला को 1000 रुपये मिलते हैं। राष्ट्रीय बचत, सुकन्या योजना व पब्लिक प्रोविडेंट फंड की किस्त का पैसा ग्राहकों के घर से डाकिया लेकर आते हैं। डाकिया ग्राहकों को पांच हजार रुपये तक का भुगतान उनके घर पर ही कराते हैं।
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देश भर में कहीं भी लेन-देन
कर सकते हैं ग्राहक
जिन व्यक्तियों का बैंक खाता दूसरे बैंकों में है, वे भी हमारे बैंक के प्रतिनिधि के जरिए अपने घर पर ही पैसा निकासी कर सकते हैं। एक जगह खाता खुलवाकर देशभर में उससे लेन-देन कर सकते हैं। सीआरपीएफ के एक जवान ने बागपत में आइपीबी में खाता खुलवाकर उसका इस्तेमाल दंतेवाड़ा में करते हैं। दंतेवाड़ा वही जगह है जो देश-दुनिया में नक्सल प्रभावित एरिया के रूप में जाना जाता है।