एनजीटी का यूपी सरकार को आदेश, गारंटी में जमा कराएं पांच करोड़ रुपये
अब तक नदियों का जल शुद्ध करने को लेकर कोई एक्शन प्लान नहीं बनाने पर एनजीटी ने यूपी सरकार को अल्टीमेटम देकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास परफार्मेंस गारंटी के रूप में पांच करोड़ रुपये की रकम जमा कराने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बागपत:
पश्चिम उप्र में नदियों का जल जहरीला होने से गंभीर एनजीटी ने सख्त कदम उठाया है। अब तक नदियों का जल शुद्ध करने को लेकर कोई एक्शन प्लान नहीं बनाने पर एनजीटी ने यूपी सरकार को अल्टीमेटम देकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास परफार्मेंस गारंटी के रूप में पांच करोड़ रुपये की रकम जमा कराने के आदेश दिए हैं। यदि छह माह में एक्शन प्लान बनाकर नहीं दिया गया तो पांच करोड़ रुपये की रकम जब्त कर ली जाएगी। विभागाध्यक्षों पर दस करोड़ का जुर्माना लगाने की चेतावनी एनजीटी ने दी है। मालूम हो कि बागपत जिले के पचास गांव प्रदूषित जल की चपेट में हैं, यहां सैकड़ों लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं।
यह था मामला
दोआब पर्यावरण समिति के अध्यक्ष पूर्व वैज्ञानिक डा. चंद्रवीर सिंह ने हिडन, कृष्णा तथा काली नदी का पानी प्रदूषित होने से बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर, शामली तथा सहारनपुर जिलों के बाशिदे कैंसर, हेपेटाइटिस और अन्य घातक बीमारियों की चपेट में आने की बात कहकर 2015 में एनजीटी में रिट दायर की थी। एनजीटी अध्यक्ष ने आठ अगस्त को नदियों को प्रदूषित करने वाली 124 फैक्ट्रियों के खिलाफ वाटर एक्ट 1974 के तहत कानूनी कार्रवाई करने और इन्हें तत्काल बंद कराने, बीमार व्यक्तियों का इलाज को स्वास्थ लाभ योजना बनाने तथा पीड़ित गरीब मजदूर, किसानों को नौकरी दिलाने, डीएम को प्रभावित इलाकों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति व प्रदूषित पानी वाले हैंडपंपों व नलकूपों को उखड़वाने का आदेश दिया था। नदियों की सफाई का एक्सन प्लान बनाकर अमल करने तथा अम जन को जागरूक करने का आदेश दिया था। आदेश का अनुपालन व नदियों के प्रदूषण आदि पर अध्ययन कर रिपोर्ट देने को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जल एसयू खान की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की थी।
अब सरकार को लगाई फटकार
दोआब पर्यावरण समिति के अध्यक्ष पूर्व वैज्ञानिक डा. चंद्रवीर सिंह ने बताया कि कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जज एसयू खान ने 11 फरवरी 2019 को एनजीटी में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें एनजीटी के आठ अगस्त के आदेश का अनुपालन नहीं होने की बात कही। एनजीटी ने शनिवार यानी 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को अपने आदेश का अनुपालन नहीं कराने पर फटकार लगाई। सरकार को परफोरमेंस गारंटी के रूप में पांच करोड़ रुपये केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा कराने और अपने आठ अगस्त के आदेश का छह माह में अनुपाल करने का आदेश दिया। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर पांच करोड़ रुपये जब्त होंगे तथा संबंधित विभागाध्यक्षों पर दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है। सूबे के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि तुरंत अपनी देख रेख में पीने की पानी की व्यवस्था कराए। एनजीटी में इस मामले में अब 26 अप्रैल को सुनवाई होगी।