इकबाल व जिदगी बचाने की जद्दोजहद, और बीत गए नौ घंटे
लोहा व्यापारी के अपहरण के बाद पुलिस ने तेजी दिखाई।
बागपत, जेएनएन। लोहा व्यापारी के अपहरण के बाद पुलिस ने तेजी दिखाई। सिपाही से लेकर एडीजी तक ने भागदौड़ की। देखकर लग रहा था कि व्यापारी को सकुशल बरामद करने के साथ-साथ पुलिस अपना इकबाल बचाने की भी जद्दोजहद में है। उधर, आदिश कुमार जैन के स्वजन ने भी धैर्य का परिचय दिया और घर पर ही सलामती की दुआ करते रहे। सुबह से शुरू हुई कवायद
घटना सुबह लगभग पांच बजे हुई और व्यापारी के घर फिरौती का फोन छह बजे आया। उसके बाद स्वजन ने आदिश को तलाशना शुरू किया। मशक्कत के बाद सवा सात बजे कोतवाली प्रभारी को सूचना दी गई। कोतवाली प्रभारी साढ़े सात बजे घटनास्थल पर पहुंचे। पौने आठ बजे सीओ आलोक सिंह पहुंचे। एएसपी मनीष कुमार सवा नौ बजे और एसपी पौने दस बजे घटनास्थल पर पहुंचे।
वहीं, व्यापारियों में घटना को लेकर आक्रोश बढ़ने लगा। व्यापारियों की बैठक शुरू हो गई। आइजी मेरठ प्रवीण कुमार सवा ग्यारह बजे आदिश के घर पहुंचे। इसी बीच बदमाशों के कॉल करने की लोकेशन बिजरौल में मिली, तो साढ़े ग्यारह बजे बिजरौल के जंगल में बदमाशों की तलाश शुरू की गई। 12 बजे एडीजी राजीव सभरवाल बागपत पहुंचे। इसी बीच व्यापारी थाने में एकत्र होने लगे। इसी बीच दोपहर लगभग दो बजे व्यापारी रटौल में सकुशल बरामद कर लिया गया। तीन बजे पुलिस लाइन में एडीजी ने पत्रकार वार्ता की।
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सलामती की करते रहे दुआ
अपहरण होने के बाद आदिश के घर प्रार्थना शुरू हो गई। परिवार की महिलाएं घर पर ही व्यापारी के सलामत लौटने की दुआ भगवान से करती रहीं। इस दौरान उन्होंने किसी से भी संपर्क नहीं किया। हर पल यही इंतजार था कि आदिश सकुशल वापस कैसे लौटे। आखिर, दो बजे घर पर आदिश सकुशल बरामद होने की जानकारी पहुंची तो सभी का शुक्रिया अदा किया गया।