दूसरों के खातों में पहुंचा 300 किसानों का पैसा
सरकारी तंत्र की लापरवाही देखिए कि 300 किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि अफसरों की लापरवाही से दूसरों के खातों में पहुंच गई।
जागरण न्यूज नेटवर्क बागपत:
सरकारी तंत्र की लापरवाही देखिए कि 300 किसानों की पीएम किसान सम्मान निधि की राशि दूसरों के बैंक खातों में पहुंच गई तो वहीं गलत डाटा अपलोड करने से हजारों किसान लाभ उठाने से वंचित रह गए। किसान सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कृषि उप निदेशक कार्यालय में तो रोज किसानों की भीड़ उमड़ती है। दूसरों के खातों में भेजा पैसा
कृषि विभाग ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिलाने को एक लाख से ज्यादा किसानों को डाटा साइट पर अपलोड किया गया। इनमें हजारों किसानों के बैंक खातों तथा आधार नंबर अपलोड कराने में काफी गलतियां की। इसका खामियाजा उन 300 किसानों को भुगतना पड़ा जिनका पैसा दूसरे किसानों के खातों में पहुंच गया। इसका भेद तब खुला जब पीड़ित किसानों ने पैसा नहीं मिलने को साइट पर चेक कराई। 25 हजार किसान वंचित
कृषि विभाग ने जो पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल पर जो डाटा अपलोड किया था उनमें काफी किसानों का ब्योरा त्रुटिपूर्ण होने से लाभ उठाने से वंचित होना पड़ा है। फिलहाल 25 हजारों किसानों का डाटा त्रुटिपूर्ण है जिससे उन्हें किसान सम्मान निधि नहीं मिली। हालांकि कृषि कर्मी डाटा ठीक कर पुन: अपलोड कराने में जुटे हैं। बता दें कि पात्र किसान को साल में तीन किस्तों में कुल छह हजार रुपये देने का प्रावधान है। कोरोना को मारो गोली..
कृषि उप निदेशक कार्यालय पर रोज किसानों की भीड़ उमड़ती है। चार दिन पहले की बात है कि कर्मचारी ने शारीरिक दूरी बनाकर और मुंह ढककर खड़ा होने की नसीहत दी तो गुस्साए किसान ने तपाक से कहा कि कोरोना को मारो गोली..तुम यह बता दो कि पैसा क्यों नहीं मिला? बसौद के रामपाल, प्रकाश, सूरजपुर महनवा के सतपाल शर्मा, नंगला बड़ी के वीरपाल गुराना के धर्मपाल ने कहा कि एक साल से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आत तक फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
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इन्होंने कहा..
दो-ढाई सौ किसानों का डाटा त्रुटिपूर्ण अपलोड होने से दूसरे के खातों में पैसा गया है। अब डाटा सही कराकर पुन: अपलोड करा दिया गया है, जिससे जल्द भुगतान होगा। जिनके खाते में गलत ढंग से पैसा गया उनसे वसूली होगी।
-प्रशांत कुमार, उप कृषि निदेशक।