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संरक्षण का वचन दीजिए, मुफ्त मिलेगा पौधा

पौधारोपण से भी ज्यादा जरूरी है इनका संरक्षण। सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा रोपे गए पौधे देखरेख के अभाव में दम तोड़ जाते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर कुछ किसानों ने नई पहल शुरू की है। उनसे कोई भी फलदार पौधा मुफ्त ले सकता है लेकिन इसके बदले उन्हें पौधे के संरक्षण का संकल्प दिलाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 11:31 PM (IST)
संरक्षण का वचन दीजिए, मुफ्त मिलेगा पौधा
संरक्षण का वचन दीजिए, मुफ्त मिलेगा पौधा

बागपत, जेएनएन। पौधारोपण से भी ज्यादा जरूरी है इनका संरक्षण। सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा रोपे गए पौधे देखरेख के अभाव में दम तोड़ जाते हैं। इसी उद्देश्य को लेकर कुछ किसानों ने नई पहल शुरू की है। उनसे कोई भी फलदार पौधा मुफ्त ले सकता है लेकिन इसके बदले उन्हें पौधे के संरक्षण का संकल्प दिलाया जाएगा।

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किसान क्लब के अध्यक्ष देवेंद्र राणा, सचिव सुधीर तोमर और बुढ़सैनी गांव निवासी पंकज कुमार यादव कहते हैं, लोग पौधे रोप तो देते हैं लेकिन उनकी उचित देखभाल नहीं करते। अब जो भी व्यक्ति या किसान उनसे मुफ्त फलदार पौधा लेता है, उन्हें पौधे के पेड़ बनने तक इसकी देखभाल करने का संकल्प दिलाते हैं। इस समय उनके पास अमरूद, आंवला, आडू, नाशपाती, पपीता, नींबू, करोंदा, शरीफा, कटहल, अनार के पौधे हैं।

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पौधे सूखे तो 200 रुपये जुर्माना

देवेंद्र ने बताया कि छायादार पौधे से मात्र छाया मिलती है, जबकि फलदार पौधे से किसान को फल भी िमिलेंगे। इससे सेहत भी बनेगी और आमदनी भी होगी। पहले उन्होंने 200 फलदार पौधे किसान और अन्य लोगों को दिए थे, लेकिन इनमें से मात्र 20 ही जिदा बचे। यदि पौधा सूखता है तो 200 रुपये जुर्माना भी लिया जाएगा। किसान क्लब के सचिव सुधीर तोमर ने बताया कि संबंधित व्यक्ति का वाट्सएप नंबर भी लिया जाएगा। हर तीन माह बाद बाद उसे पौधे का फोटो संस्था को भेजना होगा।

-------- पौधे लगाने का जुनून

बुढ़सैनी गांव निवासी पंकज कुमार यादव ने बताया कि बड़े भाई मास्टर ईश्वर सिंह ने उन्हें पौधरोपण की प्रेरणा दी। ढाई लाख फलदार पौधे लोगों को दे चुके हैं। अभी भी उनके पास एक लाख पौधे रखे हैं। इस कार्य में पत्नी दीपांशी और दोस्त गौरव यादव का पूरा सहयोग मिल रहा है।

-------- एक से तीन साल में देते हैं फल

पंकज यादव का दावा है कि फलदार पौधे हाइब्रिड किस्म के हैं। अमरूद, नाशपाती, नींबू, पपीता, आडू एक साल में फल देना शुरू कर देते है। अन्य पेड़ों को फल देने में तीन साल का समय लगता है।


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