Move to Jagran APP

दिव्यांगों के लिए धड़कता है इनका दिल

बेसहारा दिव्यांगों की मदद करना कोई अनिल से सीखे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 10:48 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:48 PM (IST)
दिव्यांगों के लिए धड़कता है इनका दिल
दिव्यांगों के लिए धड़कता है इनका दिल

बागपत, जेएनएन। बेसहारा दिव्यांगों की मदद करना कोई अनिल से सीखे। वह खुद दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन दिल और सोच से नहीं। उनकी दरियादिली और सोच का दायरा इतना बड़ा है कि खुद को मदद में मिली ट्राइसाइकिल कुछ ही घंटे बाद अपने से ज्यादा दिव्यांग को देकर उनकी राह आसान कर दी।

loksabha election banner

दर्जनों दिव्यांगों की मदद करने की शानदार मिसाल पेश कर चुका कक्षा 12वीं पास 26 वर्षीय अनिल कुमार प्रजापति शबगा गांव निवासी हैं। पांच भाइयों में तीसरे नंबर का अनिल तीन साल का था तब बुखार होने पर झोलाछाप डाक्टर के इंजेक्शन लगाने के बाद दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया। माता-पिता ने इलाज पर हैसियत से ज्यादा खर्च किया, लेकिन उनके पैरों ने काम नहीं किया।

होश संभालने के बाद उन्होंने जब दूसरे दिव्यांगों को देखा, तो अपनी दिव्यांगता कम लगने लगी। हर वक्त सोचता कि वह उन दिव्यांगों की कैसे मदद कर सकते हैं, जो अपने पैरों से चल नहीं सकते। फिर दिव्यांगों की सेवा में जुट गया। तीन साल में वह

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से बेहद गरीब 30 दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल दिलाने, पांच लोगों को मोटराइज्ड रिक्शा दिलाने और 35 लोगों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवा चुके हैं।

पिछले साल डीएम ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की तरफ से उन्हें ट्राइसाइकिल दी, लेकिन जैसे ही गांव पहुंचे तो उन्होंने दिव्यांग अमित को देखा तो नई ट्राइसाइकिल उन्हें दे दी। अनिल कहते हैं उन्हें लगा कि अमित को मुझसे ज्यादा जरूरत है। मेरे पास पुरानी ट्राइसाइकिल पहले से थी।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से दिव्यांगों की जांच को लगने वाले कैंपों में मौजूद रहकर दिव्यांगों के फार्म भरवाने व उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का काम करते हैं। वह दिव्यांगों की मदद कराने को सालभर पहले दिल्ली की एक स्वयं सेवी संस्था से जुड़े।

-------

इन्होंने कहा..

अनिल दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन वह दूसरे दिव्यांगों की हमेशा मदद करने को तत्पर रहते हैं। उनका जज्बा काबिल ए तारीफ है।

-स्वीटी कुमारी,

-जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.