तो थमेगी जहर में मिलावट
केंद्र सरकार का नकली कीटनाशक बनाने और बेचने वालों को जेल की सजा का प्रावधान खेती-किसानी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। बागपत के किसान खुश हैं क्योंकि अब उनकी खून-पसीने की कमाई नकली कीटनाशकों की भेंट नहीं चढ़ेगी। दरअसल बागपत में अधोमानक कीटनाशकों की खरीद-फरोख्त धड़ल्ले से होती रही है।
बागपत,जेएनएन । केंद्र सरकार का नकली कीटनाशक बनाने और बेचने वालों को जेल की सजा का प्रावधान खेती-किसानी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। बागपत के किसान खुश हैं, क्योंकि अब उनकी खून-पसीने की कमाई नकली कीटनाशकों की भेंट नहीं चढ़ेगी। दरअसल बागपत में अधोमानक कीटनाशकों की खरीद-फरोख्त धड़ल्ले से होती रही है।
बागपत कृषि प्रधान जिला है। यहां 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि पर 1.27 लाख किसान खेती करते हैं। यानी बागपत में कीटनाशकों की काफी खपत होती है। बागपत, खेकड़ा और बड़ौत तहसील क्षेत्रों में कीटनाशकों की 361 दुकान हैं। कृषि रक्षा विभाग ने चालू वित्त वर्ष में कीटनाशकों के 66 नमूने लेकर जांच को लैब भेजे थे, लेकिन इनमें इमिडाक्लोरोप्रिड-17.8 प्रतिशत व क्लोरो 50 प्लस साइपर 25 प्रतिशत समेत कीटनाशकों के चार नमूने फेल मिले। साफ है कि नकली कीटनाशक की बिक्री बागपत में होती रही है।
सिसाना के नरेश चौहान, निनाना के धीर सिंह, सरुरपुरकलां के सुभाष नैन और बागपत के राजेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत कर कहा कि नकली कीटनाशकों पर सजा का प्रावधान खेती-किसानी के लिए बड़ा कदम है। कई बार कीटनाशक खरीद के नाम पर जहां किसानों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है वहीं उसके नकली होने से फसल तबाह होने से साल भर की कमाई चली जाती है। अब नकली कीटनाशक बनाने या बिक्री पर पांच साल की जेल तथा पचास लाख रुपये तक जुर्माना की सजा का प्रावधान होने से नकली कीटनाशक बिक्री थमने की उम्मीद जगी है। नकली कीटनाशकों पर रोक से फसल उत्पादन के बढ़ने से किसानों की आय बढ़ेगी।
बागपत में नकली कीटनाशक की बिक्री के मामले प्रकाश में नहीं आए। कीटनाशकों के चार नमूने फेल अवश्य आए थे जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
-सूर्य प्रताप सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी।