दस साल के जांबाज ने कुत्तों के जबड़े से बचाया मोर
इससे पहले कि कुत्ते मोर को अपना निवाला बनाते, देवा ने साहस का परिचय देते हुए डंडे से कुत्तों को भगाया। उसने घायल मोर को जमीन से उठाया और घर की ओर दौड़ पड़ा।
संसू, चांदीनगर (बागपत) : गांव पुरनपुर नवादा का देवा। उम्र महज दस साल और जज्बा भरपूर। राष्ट्रीय पक्षी मोर को नोच रहे आवारा कुत्तों पर देवा टूट पड़ा। डंडा लेकर कुत्तों को दौड़ा लिया। कुत्तों के जबड़े से निकालकर देवा ने मोर का पशु चिकित्सक से उपचार कराया फिर उसे जंगल में छोड़ आया।
क्षेत्र के गांव पुरनपुर नवादा के जंगल में राष्ट्रीय पक्षी मोर समेत अन्य पशु व पक्षी विचरते हैं। आमतौर पर मोर जंगल से निकलकर गलियों में आ जाते हैं। शनिवार रात गांव निवासी राजकुमार का 10 वर्षीय बेटा देवा दुकान पर सामान खरीदने जा रहा था। इसी दौरान गली में कुत्तों ने एक मोर पर हमला बोल दिया। इससे पहले कि कुत्ते मोर को अपना निवाला बनाते, देवा ने साहस का परिचय देते हुए डंडे से कुत्तों को भगाया। उसने घायल मोर को जमीन से उठाया और घर की ओर दौड़ पड़ा। कुत्तों ने देवा का पीछा भी किया, लेकिन उसने इसकी परवाह नहीं की और हांफते हुए घर तक पहुंच गया। बच्चे के परिजनों ने गांव के पशु चिकित्सक से घायल मोर का इलाज कराया। मोर को देखने के लिए ग्रामीणों का तांता लग गया। ग्रामीण बच्चे के साहस की तारीफ करते नहीं थक रहे। रविवार की सुबह मोर को जंगल में छोड़ दिया गया।
देवा को पशु-पक्षियों से है प्रेम
ग्रामीणों ने बताया कि राजकुमार का बेटा देवा गांव में स्थित बेसिक स्कूल में कक्षा तीन का छात्र है। पढ़ाई में तेजतर्रार होने के साथ उसे पशु-पक्षियों से भी बेहद प्रेम हैं। स्कूल से जो भी समय बचता है, वह पक्षी व पशुओं के साथ खेलता रहता है।