ओवरलोड वाहन तोड़ रहे करोड़ों की सड़कें, जिम्मेदार खामोश
क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों पर परिवहन विभाग का नियंत्रण नहीं रह गया है।
बागपत, जेएनएन। क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों पर परिवहन विभाग का नियंत्रण नहीं रह गया है। यही कारण है कि दिन रात सड़कों पर ओवरलोड वाहन दौड़ते रहते हैं, जिनसे करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पीडब्ल्यूडी विभाग ओवरलोड वाहनों के न चलने संबंधी चिट्ठी परिवहन विभाग को लिखता है, तो उसे कोई तरजीह नहीं दी जाती है। इन सड़कों पर चलते हैं ओवरलोड वाहन
क्षेत्र में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे के अलावा बड़ौत-छपरौली, बड़ौत-अमीनगर सराय, किशनपुर बराल-छपरौली, बड़ौत-मेरठ मार्ग, बड़ौत-कोताना रोड पर ओवरलोड वाहन चलते हैं। इन सभी मार्गों पर बालू से भरे वाहन और ईंटों से भरे ट्रक और ट्रैक्टर ट्रालियां चलती हैं। बालू के ओवरलोड ट्रक रात के समय चलते हैं जबकि ईंटों से भरे ट्रक शाम से लेकर आधी रात तक चलते हैं। बालू से भरे वाहन मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर जाते हैं जबकि ईंटों से भरे वाहन दिल्ली जाते हैं। ओवरलोड वाहनों के चलने से करोड़ों रुपए की सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है। पीडब्ल्यूडी लिखता है चिट्ठी
सड़कों की रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग के पास है इसलिए विभाग की ओर से संबंधित विभागों को समय-समय पर पत्र जारी कर सड़कों पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाता है। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता संजय गौतम ने बताया कि संबंधित विभागों के सहयोग से ही सड़कों पर ओवरलोड वाहनों को चलने से रोका जा सकता है और इस संबंध में समय-समय पर पत्र भी भेजे जाते रहे हैं। परिवहन विभाग भी नहीं करता ठोस कार्रवाई
सड़कों पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई परिवहन विभाग करनी चाहिए। क्षेत्र में ओवरलोड वाहन सड़कों को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं इनके खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई नहीं होती है। इन्होंने कहा ..
-एआरटीपी सुभाष राजपूत ने बताया कि एक टीम जिले में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करती है और यह अभियान बड़ौत क्षेत्र में भी चलता है।
-ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सोमवार से अभियान चलाया जाएगा। जिन मार्गों पर ओवरलोड वाहन चलते हैं, वहां टीम लगाकर चेकिग कराई जाएगी।
गुलशन कुमार, एसडीएम बड़ौत।