गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने में मीलों पीछे बागपत
सीएम योगी की सरकार किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ देना चाहती है लेकिन तंत्र को शायद इसकी चिता नहीं। इसका नमूना है सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की कम खरीद
जागरण संवाददाता, बागपत : सीएम योगी की सरकार किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ देना चाहती है, लेकिन तंत्र को शायद इसकी चिता नहीं। इसका नमूना है सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की कम खरीद। कम गेहूं खरीद में मीलों पीछे रहने पर डीएम भी अफसरान की खिचाई कर लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दे चुके हैं। गेहूं की खरीद पंद्रह जून के बाद बंद हो जाएगी।
बागपत में करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन हुआ है। शासन ने महज 8500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया, लेकिन संबंधित एजेंसिया इस मामली से लक्ष्य को भी पूरा करने में नाकाम हैं। अभी तक बागपत के सभी 17 क्रय केंद्रों पर 5852 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। यानी लक्ष्य पूरा करने में 2648 टन की कमी है।
मार्केटिग विभाग के चार क्रय केंद्र आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष 72 फीसदी खरीद कर पाए हैं। सहकारिता विभाग के 11 क्रय केंद्र भी लक्ष्य पूरा करने में काफी पीछे हैं, क्योंकि 64 फीसदी लक्ष्य पूर्ति हुई है। यूपी एग्रो अपने आवंटित लक्ष्य का 24 फीसदी और फूड कारपोरेशन भी आवंटित लक्ष्य का 48 फीसदी गेहूं की खरीद करने में सफल रहा है। साफ है कि सभी किसानों तक समर्थन मूल्य का लाभ नहीं पहुंचा है।
डिप्टी आरएमओ कुशल देव ने कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर 1840 रुपये प्रति कुंतल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। वहीं बाजार में 1850 से 1900 रुपये प्रति कुंतल तक गेहूं का दाम चल रहा है। किसान अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों के बजाय बाजार में बेच रहे। वहीं सहकारिता के सहायक निबंधक विकास कुमार ने सहकारी समितियों के सचिवों को गेहूं की खरीद में तेजी लाने का निर्देश दिया है।