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खिलौना बना ओवरहैड टैंक, जलापूर्ति के नहीं आसार

संवाद सूत्र, दाहा (बागपत): पुसार गांव में ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है। यह

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 09:03 PM (IST)
खिलौना बना ओवरहैड टैंक, जलापूर्ति के नहीं आसार
खिलौना बना ओवरहैड टैंक, जलापूर्ति के नहीं आसार

संवाद सूत्र, दाहा (बागपत): पुसार गांव में ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है। यहां जल निगम द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के नाम पर सात वर्ष पूर्व पानी की टंकी तो खड़ी कर दी गई, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

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पुसार गांव की आबादी दस हजार के आसपास है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के तहत पाइप पेयजल परियोजना के अंतर्गत जल निगम ने वर्ष 2011-12 में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी की टंकी का निर्माण कराया था तथा गलियों में पाइप लाइन बिछवाकर घर-घर पानी की टोंटी लगवाने की व्यवस्था भी थी। वर्ष 2014 में सप्लाई चालू कराई गई तो अधोमानक पाइप लाइन जगह-जगह से लीकेज हो गई और पानी घरों में जाने के बजाए गलियों में बहना शुरू हो गया। मात्र 10 प्रतिशत लोगों के घरों तक ही टंकी का पानी पहुंच पाया। ग्रामीणों ने जल निगम के अधिकारियों को इस बाबत कई बार शिकायत की, मगर नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा। उधर, जल निगम ने शिकायतों के निस्तारण करने के बजाए टंकी को ग्राम प्रधान के हैंड ओवर करने की कोशिश की, लेकिन प्रधान ने अधूरे कार्य के कारण इसे लेने से इंकार कर दिया। आलम यह है कि सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है।

इस संबंध में गांव के ही दीपक तोमर बताते हैं कि गांव में पानी की टंकी लगी है, जो सिर्फ दिखावे के लिए है। गलियों में पाइप लाइन बिछवाने के दौरान ही ग्रामीणों ने अधिकारियों को इनके घटिया होने की जानकारी दी थी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई और ठेकेदारों ने अपनी मनमानी करके चले गए। इसका खमियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

ग्रामीण सहेंसरपाल कहते हैं कि गांव में चंद दिनों ही पानी आया, जिससे बड़ी खुशी हुई की घरों में तो बिजली के मीटर लग रहे हैं, टंकी का पानी शुद्ध व सस्ता मिलेगा। लेकिन, ग्रामीणों के ये अरमान पूरे नहीं हो पाए।

ग्राम प्रधान प्रमोद तोमर ने बताया कि गांव में पीने के पानी की गर्मी में विकट समस्या बन जाती है। अधिकांश इंडिया मार्का हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। ग्रामीणों को टंकी के पानी से उम्मीद बंधी है, लेकिन ठेकेदार के लालच के कारण ग्रामीणों को टंकी का पानी नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदार ने मुख्य रास्तों तक में 6 इंची पाइपों की जगह दो से तीन इंची के पाइप ही डाले हैं, जिनमें टंकी से पानी छोड़ते ही पाइप फटकर गलियों में पानी बहने लगता है। अब चार माह से टंकी से पानी छोड़ा ही नहीं गया। इसी कारण टंकी को अपने हैंडओवर नहीं किया गया है। इसकी शिकायत डीएम, सीडीओ, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालयों तक की जा चुकी है।


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