पाइप बिछाने में खेल, पेयजल को परेशान ग्रामीण
दाहा (बागपत): सरकारी तंत्र ने स्थानीय सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. सत्यपाल ¨सह के गोद लिए आद
दाहा (बागपत): सरकारी तंत्र ने स्थानीय सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. सत्यपाल ¨सह के गोद लिए आदर्श गांव पलड़ी को भी नहीं बख्शा। जल निगम में फैले भ्रष्टाचार के दीमक ने इस गांव को भी जद में ले लिया। सांसद सत्यपाल सिंह के प्रयास से कराये गये पेयजल के इंतजामों में ठेकेदारों ने खेल कर दिया। टंकी की पाइप लाइन बिछाने में इन ठेकेदारों ने गुणवत्ता को दरकिनार किया। इससे चंद महीनों में पाइप फट गई और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई। अपेक्षित क्षमता का नहीं लगाने से मोटर भी फुंक गई है। पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर पेयजल का इंतजाम कराने की मांग की है।
पलड़ी गांव सरकारी महकमों की कारगुजारियों का खामियाजा भुगत रहा है। यहां पर लोग पेयजल को तरस रहे हैं। सरकारी अफसरों से शिकायत के बाद भी उनकी समस्या का निस्तारण नहीं हो पाया है। विरोध में शनिवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने बताया कि तंत्र की लापरवाही से गांव में शुद्ध पेयजल मयस्सर हो पाना अब मुश्किल हो गया है। करीब एक माह से उन तक टंकी का पानी नहीं पहुंच रहा है। आरोप है, कि जल निगम के ठेकेदार ने टंकी की पाइप लाइन बिछाने में गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया, जिस कारण जगह-जगह पाइप फट गए हैं।
एक सप्ताह से टंकी को भरने वाला मोटर भी फुंका पड़ा है। नतीजन, घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। कहा कि जिला प्रशासन ने गांव में लगे इंडिया मार्का हैंडपंपों की संख्या कागजों में चाहे जितनी दर्शाई गई हो, धरातल पर 80 फीसद से अधिक हैंडपंप खराब हैं और शेष 20 फीसद हैंडपंप दूषित पेयजल उगल रहे हैं। ऐसे में लोगों को इधर-उधर से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। उन्होंने जल निगम के विरुद्ध प्रदर्शन किया और जल्द समस्या के समाधान की मांग की। इस मौके पर सुखपाल, यामीन खां, दिनेश, महेश, प्रवीण, बाबूराम, कृष्ण, शिवकुमार, परमे, पीतम,राम वीर, मुलायम, रामफल, बिजे, प्रेम आदि शामिल रहे।
बोले सांसद
सांसद सत्यपाल ¨सह ने कहा कि वह जिलाधिकारी से इस संबंध में वार्ता कर उन्हें निर्देशित करेंगे कि पलड़ी गांव में तत्काल फटे पाइप लाइनों को बदला या दुरुस्त किया जाए, साथ ही मामले की जांच कराएंगे कि पाइप लाइन बिछाने में गुणवत्ता का पालन किया गया है या नहीं। अगर कोई गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।