थम नहीं रही गन्ना किसानों की मुसीबत
जागरण संवाददाता, बागपत : मुसीबत है कि किसानों का पीछा नहीं छोड़ रही। चीनी मिलें चलने के
जागरण संवाददाता, बागपत : मुसीबत है कि किसानों का पीछा नहीं छोड़ रही। चीनी मिलें चलने के दस दिन बाद भी हजारों किसान मारे-मारे फिर रहे हैं। क्रय केंद्र चलवाने की जंग है तो कहीं गन्ना आपूर्ति को पर्चियां पाने को मारा-मारी है। रिकार्ड में गन्ना सप्लाई कम दर्ज करने की शिकायत है तो कहीं घंटों लाइन में लगने के बाद जवाब मिलता है कि सुपरवाइजर को ढूंढकर लाओ। कई किसानों को तो सहकारी गन्ना विकास समित के सचिव से कहते सुना कि अबकी बार जन बचवा दो, फिर आगे हम गन्ना नहीं बोएंगे करेंगे।
सहकारी गन्ना विकास समिति पर समस्याओं के निराकरण को लाइन में लगे ओगटी के र¨वद्र बोले कि गत साल छह गन्ना बांड पर चीनी मिल को गन्ना दिया, लेकिन अब हमारी सप्लाई सिफर कर दी। बसी गांव निवासी विकास ने कहा कि दो गन्ना बांड बंद कर दिए तथा चार पर पर्ची मिली नहीं। दस दिन से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनता ही नहीं। सुल्तानपुर हटाना के राजपाल ¨सह बोले कि उनकी गत साल पांच गन्ना पर्ची थी, लेकिन अब तीन कर दी। डौला गांव के इसरार और कमाला के र¨वद्र समेत लाइन में लगे दर्जनों किसानों चीख-चीखकर आरोप लगाया कि गन्ना कर्मियों ने मनमानी की। गन्ना सप्लाई नहीं चढ़ाई है। तीन-चार घंटे लाइन में लगे हैं, लेकिन अब कर्मचारी ने जवाब दे दिया कि इंटरनेट की प्रॉब्लम है। वह आपका ब्योरा देखकर नहीं बता सकते।
क्रय केंद्र चलवाने को हंगामा
शनिवार को किसानों ने बागपत में सहकारी गन्ना विकास समिति पर हंगामा कर सचिव का घेराव कर समस्याओं का निराकरण कराने की मांग की। खट्टा गांव के ¨टकू चौधरी, सुनील कुमार, धर्मेंद्र रावत, गोपाल ठाकुर व अंकुर आदि किसानों ने बताया कि गन्ना आयुक्त ने उनके गांव में किनौनी चीनी मिल का सी क्रय केंद्र मंजूर कर रखा है, लेकिन चीनी मिल प्रबंधन उसे नहीं लगवाने से 200 किसान परेशान हैं।
दस दिन लेट मिली पर्ची
सुल्तानपुर हटाना के किसान राजपाल ¨सह समेत अनेक किसानों ने बताया कि वे बागपत चीनी मिल को गन्ना सप्लाई करते हैं, लेकिन आलम यह है कि जिन पर्चियों पर हमें दो नवंबर को गन्ना सप्लाई करना था वो आज मिली हैं। अब इनकी तारीख बदलवाने को घूम रहे हैं।
गन्ना पर्ची वितरक ही नहीं
चीनी मिलों को चले दस दिन हो गए हैं, लेकिन सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत में अभी तक गन्ना पर्ची वितरक की व्यवस्था नहीं हो सकी। समिति में 165 गांव आते हैं, लेकिन गन्ना पर्ची वितरक पांच हैं। आउट सोर्सिंग पर 18 गन्ना पर्ची वितरक रखने का काम अभी परवान नहीं चढ़ा है। साफ है कि किसानों तक गन्ना पर्ची समय से नहीं पहुंचती हैं।
12 दिन घूमे चार हजार गन्ना किसान
बागपत: गन्ना विभाग की लापरवाही का इससे बड़ा नमूना और क्या होगा कि मोदीनगर चीनी मिल चलने के 12 दिन बाद भी चार हजार गन्ना किसान मारे-मारे घूमते रहे। ढिकोली के शो¨वद्र, ओमबीर, देवेंद्र तथा सैड़भर के ओमबीर, वीरेंद्र, ओमपाल समेत अनेक किसानों ने बताया कि उनका गन्ना जिला गाजियाबाद की मोदीनगर चीनी मिल को जाता है। चीनी मिल 31 अक्टूबर को चल चुकी है, लेकिन सहकारी गन्ना विकास समिति ने मोदीनगर चीनी मिल को किसानेां का डाटा ही नहीं भेजा। चीनी मिल से पर्ची जारी होने पर जब वे गन्ना तुलवाने पटौली क्रय केंद्र पर पहुंचे तो वहां तौल लिपिक ने जवाब दिया कि कंप्यूटर में तो आपका डाटा नहीं खुल रहा है। बता दें कि मोदीनगर चीनी मिल के बागपत में 20 क्रय केंद्र हैं जिनका डाटा नहीं पहुंचने से करीब चार हजार किसान परेशान रहे।
अदालत में घसीटूंगा
बागपत: अहमदशाहपुर पदड़ा निवासी कुलदीप त्यागी ने बताया कि गन्ना विभाग ने जीपीएस से गन्ना सर्वे किया। सर्वे पर्ची उनके पास है, लेकिन उनके एक गन्ना बांड पर पर्ची 13 से घटाकर सात कर दी। दूसरे गन्ना बांड पर तीन पर्ची से घटाकर सिफर कर दी। 29 सितंबर को किसान मेला में अफसरों को शिकायती पत्र देकर गन्ना पर्ची सही कराने का अनुरोध किया, लेकिन हुआ कुछ नहीं। गन्ना विकास समिति कार्यालय पर 10 बार चक्कर लगा चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस है। यदि दो चार दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो गन्ना विभाग के खिलाफ अदालत में रिट दायर करेंगे।
सुपरवाइजर को ढूंढ कर लाओ
बागपत: खेड़की गांव की विधवा राजेश शर्मा भी समस्या लेकर सहकारी गन्ना विकास समिति पहुंची। सचिव से गन्ना बांड चलवाने की मांग की, लेकिन जवाब मिला कि सुपरवाइजर नहीं है। सुपरवाइजर के पास जाने के लिए कहा है।
इन्होंने कहा..
गन्ना किसानों की समस्याओं को निराकरण करा रहे हैं। मोदीनगर चीनी मिल को सभी बीस गन्ना क्रय केंद्रों के किसानों का डाटा भेज दिया गया है।
-अनिल यादव, सचिव, सहकारी गन्ना विकास समिति।