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कर्जमाफी को उमड़ी भीड़ देख हैंग हुआ सिस्टम

जागरण संवाददाता, बागपत : कर्जमाफी का लाभ पाने से वंचित रह गए किसानों को सरकार ने फिर क

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 08:53 PM (IST)
कर्जमाफी को उमड़ी भीड़ देख हैंग हुआ सिस्टम
कर्जमाफी को उमड़ी भीड़ देख हैंग हुआ सिस्टम

जागरण संवाददाता, बागपत :

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कर्जमाफी का लाभ पाने से वंचित रह गए किसानों को सरकार ने फिर कर्जमाफी का मौका दिया, तो किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा। उमड़ी भीड़ के आगे पूरा सिस्टम ही हैंग हो गया। विकास भवन स्थित सहकारिता विभाग में दो लिपिकों को कर्जमाफी के आवेदन लेने के लिए लगाया गया। किसानों में आवेदन जमा करने को हंगामा जैसी स्थिति रही। उधर किसानों में कर्जमाफी को लेकर संशय बना रहा। किसान यह समझ बैठे कि फिर कर्जमाफी का लाभ सरकार दे रही है, जबकि यह कर्जमाफी सिर्फ उनके लिए है, जिन्हें पिछली बार कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल सका।

किसानों को कर्जमाफी का आवेदन प्राप्त करने, उसे भरवाने और बाकी औपचारिकता पूरा कराने को भटकना पड़ा। किसी तरह आवेदन फार्म भरकर देने पर हेल्प डेस्क के कर्मी खामी निकालकर लौटा देते। किसान फिर बैंकों की तरफ दौड़ते, लेकिन वहां कोई सीधे मुंह बात नहीं करता था या फिर कल आने के लिए कहकर टरका देता था। कुछ किसान तहसीलों में खतौनी की फर्द पाने को लेखपाल को ढूंढ़ते रहे। वहां कोई अफसरान किसानों की मदद को नजर नहीं आया। इससे सैकड़ों किसान बिना आवेदन जमा कराए ही घर लौट गए।

परेशान रहे किसान

किरठल के धर्मपाल, बड़ौत के रणवीर ¨सह, लूम के जय ¨सह और गांगनौली के हरेंद्र ¨सह समेत अनेक किसानों को कहते सुना गया कि बैंक जाते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि प्रशासन के पास जाओ। यहां आते हैं तो कर्मी कहते हैं कि बैंक से फार्म को पूरा कराकर लाओ।

तीसरी मंजिल पर हेल्प डेस्क

कर्जमाफी को जो हेल्प डेस्क बनाई गई है, वह विकास भवन में तीसरी मंजिल पर है। अस्सी साल और ज्यादा उम्र के किसानों को जीना चढ़ना मुश्किल होता है। उनकी सांस फूलने लगती है।

ये किसान हैं पात्र

जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप ¨सह ने कहा कि जिन किसानों पर 31 मार्च 2016 से पहले का कर्ज है और एक अप्रैल 2017 तक न नवीनीकरण कराया और न कर्ज चुकाया, दो हेक्टेयर से कम जमीन है वे ही 21 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। जिनका किसी बैंक में एक लाख तक का कर्ज माफ हो गया है, वे कतई आवेदन न करें।

इनका होना अनिवार्य

-निर्धारित प्रारूप पर आवेदन।

-आधार कार्ड की छाया प्रति।

-खतौनी की फोटो स्टेट कापी।

-बैंक पासबुक की छाया प्रति।

-पहले लाभ न लेने का पत्र।

इन्होंने कहा..

बैंक अधिकारियों को भी कहा जाएगा कि वह किसानों के आवेदन फार्म को भरवाने तथा औपचारिकता पूरी कराने का काम करें।

-पीसी जायसवाल, सीडीओ।


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