किसान ने मांगी गन्ना जलाने की अनुमति
चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने को पर्चियां नहीं मिलने से किसान किस कदर परेशान हैं इसका नमूना शनिवार को देखने को मिला। खट्टा प्रहलादपुर गांव के किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह दिल्ली में आयकर विभाग में कर्मी है। उनके पास 11 बीघा जीन में गन्ना है।
जागरण संवाददाता, बागपत: चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने को पर्चियां नहीं मिलने से किसान किस कदर परेशान हैं, इसका नमूना शनिवार को देखने को मिला। खट्टा प्रहलादपुर गांव के किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह दिल्ली में आयकर विभाग में कर्मी है। उनके पास 11 बीघा जीन में गन्ना है। अक्टूबर 2018 में गन्ना रकबे के कागजात सहकारी गन्ना विकास समिति बागपत में जमा कराए। उनकी सात पर्चियां लगाई गई। अब पेराई सत्र खत्म होने के कगार पर है, लेकिन आज तक उन्हें एक भी गन्ना आपूर्ति पर्ची नहीं मिली।
गन्ना आज भी खेत में खड़ा है। पर्ची नहीं मिलने से परेशान होकर अब उन्होंने सहकारी गन्ना विकास समिति से अपना गन्ना जलाने की अनुमति मांगी है, ताकि वह अगली फसल की बुआई कर सके। डीसीओ से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने काल रिसीव नहीं की। सहकारी गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौ. कृष्णपाल सिंह ने कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए कि आज तक एक भी पर्ची न मिली हो। किसान उनसे आकर मिले लें ताकि समस्या का निराकरण कराया जा सके। बता दें कि यह समस्या केवल उक्त किसान की नहीं बल्कि हजारों किसानों की है, जो चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने को पर्ची नहीं मिलने से बेहद परेशान हैं।
मिलों के प्रबंधन को नोटिस
बागपत: जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया ने बागपत और रमाला की सहकारी चीनी मिलों तथा निजी क्षेत्र की मलकपुर चीनी मिल के प्रबंधन को नोटिस जारी कर गन्ना भुगतान करने का आदेश दिया है। बता दें कि इन चीनी मिलों पर चालू पेराई सत्र का करीब 300 करोड़ रुपये बकाया है।