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लाखों बाशिदों की जिदगी से खेल रहा तंत्र

बागपत समेत पश्चिम यूपी के 14

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 08:21 PM (IST)
लाखों बाशिदों की जिदगी से खेल रहा तंत्र
लाखों बाशिदों की जिदगी से खेल रहा तंत्र

जागरण संवाददाता, बागपत : बागपत समेत पश्चिम यूपी के 148 गांवों के बाशिंदे प्रदूषित पेयजल से प्रभावित हैं। एनजीटी ने बीमार लोगों के इलाज का आदेश दिया था। हैरानगी है कि तीन साल बाद भी स्वास्थ्य विभाग उक्त पेयजल रिपोर्ट से बेखबर है, जिससे वह बीमारी का इलाज करना दूर, कारण तक का पता नहीं लगा पाया। यह राजफाश उच्चस्तरीय समीक्षा में हुआ है। साफ है कि लाखों बाशिदों की जिदगी खतरे में है। मुख्य सचिव ने प्रदूषित पेयजल रिपोर्ट प्राप्त कर बीमारी कारण ढूंढने और बीमारों के इलाज का आदेश स्वास्थ्य निदेशक को दिया है।

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एनजीटी अध्यक्ष ने आठ अगस्त 2018 को नदियों को प्रदूषित करने वाली 124 फैक्ट्रियों को बंद कराने, बीमार व्यक्तियों का इलाज, पीड़ित गरीब मजदूर तथा किसानों को नौकरी दिलाने, प्रभावित इलाकों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति व प्रदूषित पानी वाले हैंडपंपों एवं नलकूपों को उखड़वाने का आदेश दिया था। हिडन की सफाई का एक्शन प्लान बनाकर अमल करने का आदेश दिया था। इस आदेश पर अमल नहीं होने पर एनजीटी अध्यक्ष ने 15 मार्च 2019 को नाराजगी जताई। सूबे की सरकार को पांच करोड़ रुपये पर्फोरमेंस गारंटी के रूप में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा कराने तथा हिडन सफाई का एक्शन प्लान बनाकर अमल नहीं करने पर संबंधित विभाग के प्रमुख पर 10 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।

एनजीटी के उक्त सख्त कदम से शासन-प्रशासन में खलबली मच गई। चंद रोज पहले मुख्य सचिव डा. अनु़पचंद पांडेय ने लखनऊ में पूरे मामले की समीक्षा की। शासन ने समीक्षा रिपोर्ट डीएम तथा सीडीओ बागपत को भेजी है। रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक डा. मधु सक्सेना ने कहा कि उनके पास यह सूचना नहीं कि पेयजल में कौन सा प्रदूषणकारी हैवी मैटल अधिक मात्रा में है, जिससे बीमारी का कारण और इलाज संभव हो सके।

मुख्य सचिव ने जल निगम को आदेश दिया कि भूजल के प्रदूषण के कारकों से संबंधित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जाए। फिर स्वास्थ्य विभाग प्रभावित गांवों में प्रभावित व्यक्तियों का पता लगाने को मेडिकल कैंप लगाने और पैथालॉजिस्ट टेस्ट कराने का आदेश दिया है। साफ है कि सरकारी तंत्र हिडन किनारे के प्रदूषित भूगर्भ जल वाले गांवों के लाखों बाशिदों को लेकर गंभीर नहीं, क्योंकि जो काम तीन साल पहले होना था वह अब होगा। बता दें कि हिडन के प्रदूषण की चपेट में बागपत के 50 गांव हैं। सीडीओ पीसी जायसवाल ने कहा कि मुख्य सचिव के आदेश का अनुपाल कराया जा रहा है।


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