वन विभाग की लापरवाही से फंदे में फंसे तेंदुए की मौत
जासं, बड़ौत (बागपत) : समय पर संसाधन व उपचार न मिलने के कारण मंगलवार सुबह फंदे में फंसे एक
जासं, बड़ौत (बागपत) : समय पर संसाधन व उपचार न मिलने के कारण मंगलवार सुबह फंदे में फंसे एक तेंदुए ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने के कई घंटे बाद वन विभाग की टीम पहुंची। पिंजरे के अभाव में करीब सात घंटे तक तेंदुए को बेहोशी की हालत में लाठियों से दबाकर रखा गया। इससे तेंदुए की हालत लचर हो गई और उसने दम तोड़ दिया।
ककौर गांव निवासी कृष्ण और राजकुमार ने सुबह सात बजे नरेश के यूकेलिप्टिस के बाग में तेंदुए का पंजा फंदे में फंसा हुआ देखा। तेंदुआ राजकुमार की ओर गुर्राया तो वह भाग खड़ा हुआ। उसकी सूचना पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। साढ़े नौ बजे तक वन विभाग की टीम के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने खुद जाल मंगाकर तेंदुए को दबोच लिया। करीब 10 बजे रेंजर बड़ौत राजपाल ¨सह, बागपत रेंजर राजेश कुमार टीम को लेकर मौके पर पहुंचे। विभागीय अधिकारियों को सूचना देकर ¨पजरा एवं चिकित्सकों को कहा, लेकिन 12 बजे डीएफओ अनिल कुमार मिश्र, ट्रेनी आइएफएस आकाश बदावन, रिटायर्ड डीएफओ जीएस कुसारिया मौके पर पहुंचे। काबू में करने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदुए को लाठियों से दबा लिया। वन विभाग के चिकित्सक नहीं आए तो पशु चिकित्सक डा. राहुल, डा. शांति प्रकाश और डा. सचिन सरोहा ने तेंदुए को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया। इससे तेंदुए को तेज बुखार हो गया। बुखार को नियंत्रित करने के लिए भी इंजेक्शन लगाए गए। करीब डेढ़ बजे सरधना से ¨पजरा लाया गया और तेंदुए को उसमें बंद कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तब तक तेंदुए की हालत मरणासन्न हो चुकी थी। वन विभाग के बड़ौत स्थित कार्यालय पहुंचने तक तेंदुए ने दम तोड़ दिया।
उपचार न मिलने से गई जान
ककौर के राजीव शर्मा और वेदपाल ¨सह समेत कई ग्रामीणों ने बड़ौत में वन अधिकारियों का घेराव किया। आरोप लगाया कि उन्होंने तेंदुआ ¨जदा पकड़ा था, लेकिन अफसरों के पास संसाधन और चिकित्सक न होने से तेंदुए की मौत हो गई। हंगामा होता देख अफसर वहां खिसक लिए।
इनका कहना है..
ककौर के जंगल में तेंदुआ फंदे में फंस गया था, जिसे ग्रामीणों ने जाल डालकर पकड़ लिया। बाद में उसकी मौत हो गई। मामले की जांच कराई जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद मौत का असली कारण पता चल सकेगा।
- अनिल मिश्र, डीएफओ।