गुलशन हत्याकांड : सास समेत चार को उम्रकैद, पति बरी
दहेज की खातिर विवाहिता गुलशन की हत्या के मामले में अदालत ने सास समेत चार आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा पति को दोषमुक्त कर दिया है।
बागपत, जेएनएन। दहेज की खातिर विवाहिता गुलशन की हत्या के मामले में अदालत ने सास समेत चार आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा पति को दोषमुक्त कर दिया है। मौत होने से पहले गुलशन के दिए गए बयान को अदालत ने अहम माना है, क्योंकि वादी समेत कई गवाह पक्षद्रोही हो गए थे।
गाजियाबाद के लोनी निवासी गुलशन का निकाह वर्ष 2010 में महराज उर्फ सोनू निवासी मोहल्ला मुगलपुरा बागपत के साथ हुआ था। आठ जून 2012 को ससुरालीजनों ने गुलशन को जला दिया था, जिसकी दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। उसके पिता फतेह खां ने कोतवाली पर दी तहरीर में बताया था कि बेटी गुलशन से ससुरालीजन बाइक और 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। उन्होंने दो बार में 50 हजार रुपये दे दिए थे, फिर भी ससुलीजनों ने गुलशन के ऊपर थिनर डालकर आग लगा दी। इस मामले में आरोपित पति महराज उर्फ सोनू, सास इसरत, ससुर इकबाल, ननद यासमीन और जेठ मेहताब के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। आरोपित पति की ही अदालत से जमानत हुई थी, अन्य सभी आरोपित जेल में हैं। डीजीसी सुनील पंवार व एडीजीसी अनुज ढाका ने बताया कि यह केस जनपद न्यायाधीश राममनोहर नारायण मिश्रा की अदालत में चल रहा था। वादी समेत 13 गवाहों की गवाही हुई। अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर सास इसरत, ससुर इकबाल, जेठ मेहताब व ननद यासमीन को उम्रकैद की सजा सुनाई तथा नौ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। धनराशि न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं पति को दोषमुक्त कर बरी कर दिया। मायके वालों ने कर लिया था केस में समझौता
डीजीसी सुनील पंवार ने बताया कि गुलशन के मायके वालों ने केस में समझौता कर लिया था। वादी समेत कई गवाह पक्षद्रोही हो गए थे, लेकिन गुलशन की मौत होने से पहले हॉस्पिटल में उसके मजिस्ट्रेट ने बयान दर्ज किए थे। गुलशन ने अपने जेठ पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगाने तथा ननद व सास द्वारा हाथ-पैर पकड़े जाने तथा ससुर के पास में खड़े होना बताया था। अदालत ने गुलशन के बयान और पुलिस की विवेचना को अहम माना है।