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सियासत में गुल खिला सकती है बजरंगी की हत्या

जहीर हसन, बागपत: पूर्वांचल के कुख्यात मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या पश्चिम से पूरब

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 12:03 AM (IST)
सियासत में गुल खिला सकती है बजरंगी की हत्या
सियासत में गुल खिला सकती है बजरंगी की हत्या

जहीर हसन, बागपत:

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पूर्वांचल के कुख्यात मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या पश्चिम से पूरब तक सियासत में गुल खिला सकती है। मारने और मरने वाले दोनों ही बदमाशों का सियासी बैकग्राउंड है।

साल 2005 में विधायक की हत्या के बाद सुर्खियों में आए मुन्ना बजरंगी की पत्‍‌नी ने साल 2012 तथा 2017 में जौनपुर की मडि़याहूं सीट से निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ा। जाहिर है कि मुन्ना बजरंगी के अंदर सियासी महत्वाकांक्षा कम नहीं थी। बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी लोकसभा चुनाव खुद या पत्नी को मैदान में उतारने का मन बना चुका था। उधर, कुख्यात सुनील राठी की मां राजबाला बागपत के कस्बा टीकरी की चेयरमैन रह चुकीं हैं। साल 2017 में बसपा के टिकट पर छपरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं, लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहीं। वहीं मुन्ना बजरंगी के खिलाफ रंगदारी मांगने का बागपत कोतवाली पर मुकदमा दर्ज कराने वाले लोकेश दीक्षित साल 2012 से 2017

तक बसपा से विधायक रह चुके हैं। इस मामले का हर पक्ष सियासत से जुड़ा है। साफ है कि बजरंगी की हत्या से पश्चिम से पूरब तक की सियासत प्रभावित हो सकती है। उधर, बसपा के मेरठ जोन कोआर्डिनेटर विक्रम भाठी ने कहा कि जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या से साफ हो गया कि इसके पीछे गहरी सियासी साजिश है।


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