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बैंकों से कम कर्ज वितरण पर भड़के सांसद

सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने 152 बैंक शाखाओं के अधिकारियों की बैठक लेकर कर्ज वितरण की समीक्षा की। रोजगारपरक एवं औद्योगिक विकास के लिए कम कर्ज वितरण पर उन्होंने बैंक अफसरों की खिचाई की। सांसद ने बागपत में ऋण जमा अनुपात 49.5 से बढ़ाकर 60 फीसदी के पार ले जाने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 11:57 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:28 AM (IST)
बैंकों से कम कर्ज वितरण पर भड़के सांसद
बैंकों से कम कर्ज वितरण पर भड़के सांसद

बागपत, जेएनएन। सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने 152 बैंक शाखाओं के अधिकारियों की बैठक लेकर कर्ज वितरण की समीक्षा की। रोजगारपरक एवं औद्योगिक विकास के लिए कम कर्ज वितरण पर उन्होंने बैंक अफसरों की खिचाई की। सांसद ने बागपत में ऋण जमा अनुपात 49.5 से बढ़ाकर 60 फीसदी के पार ले जाने का निर्देश दिया। एक जिला-एक उत्पाद योजना में मात्र दो दस्तकारों को कर्ज मिलने की जानकारी मिलने पर सांसद नाराज हुए।

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बुधवार को विकास भवन में आयोजित बैठक में सांसद ने बैंक अधिकारियों को मुद्रा योजना तथा एक जिला एक उत्पाद योजना समेत तमाम रोजगार परक योजनाओं में कर्ज का फ्लो बढ़ाने का निर्देश दिया। कहा कि चीनी मिलने से मिलने वाला गन्ना भुगतान उसी दिन किसानों के खातों में ट्रांसफर करना होगा। सांसद और डीएम शकुंतला गौतम ने बैंक अफसरों को दलालों के फोटो बैंकों में चस्पा करने का निर्देश दिया। भाकियू के बिजेंद्र ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के रीन्यूवल की आड़ में किसानों से अवैध वसूली होती है। यदि कोई किसान पैसा नहीं देता तो बैंक अधिकारी नियम-कायदों की पोटली खोल देते हैं। भाजपा नेता प्रदीप ठाकुर ने भी बैंकों से आम जन को आसानी से कर्ज नहीं मिलने की बात कही। सीडीओ पीसी जायसवाल, एलडीएम प्रदीप थरोट, पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित, गन्ना समिति के चेयरमैन चौ. कृष्णपाल सिंह समेत तमाम बैंक अधिकारी मौजूद रहे।

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मुद्रा योजना की फुल

फार्म नहीं बता सके

बागपत: सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने बैंक अफसरों से पूछा कि पीएम मुद्रा योजना की फुल फार्म क्या है तो बैंक अफसर जवाब देने के बजाय बगले झांकने लगे।

सांसद ने बताया कि मुद्रा योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी है।

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फिर भी नतीजा सिफर

बागपत: टीकरी के फैसल खान ने सांसद को बताया कि वह एक जिला एक उत्पाद योजना से कर्ज पाने को एक साल से 17 बार बैंक में चक्कर लगा चुके हैं। तथा लोकायुक्त और तमाम आला अफसरों से कर्ज नहीं नहीं मिलने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

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फैक्ट फाइल

-2.13 लागों के जनधन खाते खुले।

-1.67 लाख के पास रुपे कार्ड है।

-1.47 करोड़ मुद्रा योजना से कर्ज।

-1.23 लाख को पीएम बीमा सुरक्षा।

-10 हजार लोगों को अटल पेंशन।

-47 करोड़ लघु उद्योगों को कर्ज।

-13 हजार बकायेदारों की आरसी।

-463 करोड़ रुपये कर्ज बंटा गया।


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