छपरौली सीएचसी में जितना बढि़या चढ़ावा..उतना बेहतर उपचार
छपरौली: जनपद की छपरौली सीएचसी..। यानी अव्यवस्थाओं का अंबार। यहां पर सुविधाएं तो हर तरह
छपरौली: जनपद की छपरौली सीएचसी..। यानी अव्यवस्थाओं का अंबार। यहां पर सुविधाएं तो हर तरह से मौजूद हैं, लेकिन इन सुविधाओं का पात्र वही है जो यहां पर चढ़ावा चढ़ाये। सरकार की निश्शुल्क योजनाओं का लाभ लेने की मंशा से आने वालों को यहां से माथा पीटते ही जाना पड़ता है। एएनएम को अवकाश चाहिए? चढ़ाओ चढ़ावा। डिलीवरी करानी है, चढ़ाओ चढ़ावा। जननी सुरक्षा के लाभ की बात की तो रुपये तो छोड़िए डिलेवरी भी बाहर करानी पड़ सकती है। यहां भी चढ़ावा बगैर डिलिवरी नहीं होती। तर्क है कि जन्म प्रमाण पत्र बनेगा, तो उसकी फीस चुकानी है। सीएमओ कार्यालय जाओगे तो किराया और समय लगेगा, इससे बेहतर यहीं चढ़ा दो चढ़ावा। हारकर गरीब पैसे देने को विवश हैं। इस पूरे गड़बड़झाले की कमान एक कर्मचारी के पास है। चढ़ावे का पूरा लेखा वही रखता है। चढ़ावे के रेट भी वही तय करता है।
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नेताजी हैं तो क्या डर है?
सीएचसी पर जो गड़बड़झाला हो रहा है, उसमें सत्ता से जुड़े एक स्थानीय नेता की बड़ी भूमिका है। उसकी शह से यहां कोई डाक्टर समय पर नहीं आता। कर्मचारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। बेलगाम व्यवस्थाओं के चलते मरीजों को सही से उपचार नहीं मिल पाता है। छपरौली सीएचसी में कई माह पहले सीएचसी अधीक्षक डा. रोबिन ¨सह का ट्रांसफर पिलाना सीएचसी पर कर दिया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद पता नहीं क्या हुआ कि डा. रोबिन ¨सह की छपरौली सीएचसी पर वापसी हो गई। इसमें भी नेताजी की बड़ी भूमिका बताई गई है।
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इनकी सुनिये जुबानी
ÞÞÞÞराजपाल कहते हैं उसे पेचिस हो गई थी, जिसके बाद वह अस्पताल में दवाई लेने गया था। पर्ची भी बनवा ली, लेकिन डाक्टर ने ठीक से उपचार नहीं किया। ऐसी सीएचसी का क्या करें।' ÞÞÞÞइमलेश ने बताया कि आंखों के उपचार को वह भी अस्पताल गई थी, लेकिन ओपीडी में जो फिजीशियन मरीजों को देख रहा था वह बोला कि उसे ही दिखा दे जो भी बीमारी है। उसे आंखों के डाक्टर तक का कक्ष नहीं बताया गया, जिसके चलते वह वापस लौट आयी।
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आरोप और भी हैं
एएनएम के साथ ज्यादती की जा रही है। कई एएनएम को अवकाश पर जाने पर कह दिया जाता है और उस दौरान उनके वेतन से कुछ हिस्सा सीएचसी पर ले लिया जाता है।चाहकर भी एएनएम शिकायत नहीं कर पाती है चूंकि उन्हें नौकरी सीएचसी में ही करनी है। इसी तरह के एक मामले की शिकायत अधिकारियों तक भी पहुंची थी। इन्होंने कहा..
सीएचसी पर कुछ भी नियम विरुद्ध नहीं हो रहा है। सब कुछ व्यवस्थाओं का संचालन ठीक ढंग से हो रहा है। सीएचसी स्टॉफ पर जो भी आरोप लग रहे हैं वह उनकी एक-एक कर जांच कराएंगे और उसके बाद कार्रवाई करेंगे। प्रत्येक मरीज का बेहतर उपचार होता है। रही बात उनके ट्रांसफर की तो यह महकमे में ऊपर से रूटीन में ही हुआ है।डा. रोबिन ¨सह, सीएचसी अधीक्षक सीएचसी, छपरौली