Move to Jagran APP

बाजार में मंदी से धान की धुनाई

धान की मंदी ने हजारों किसानों की नींद उड़ा रखी है। पिछली साल के मुकाबले 500 से

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 06:29 AM (IST)
बाजार में मंदी से धान की धुनाई
बाजार में मंदी से धान की धुनाई

बागपत जेएनएन। धान की मंदी ने हजारों किसानों की नींद उड़ा रखी है। पिछली साल के मुकाबले 500 से 800 रुपये प्रति कुंतल कम दाम मिलने से बागपत के किसानों को करोड़ों रुपये का घाटा होना तय है। मंदी के बावजूद किसानों को हरियाणा तथा दिल्ली की मंडियों में धान ले जाकर बेचने को संघर्ष नहीं करना पड़ रहा है। इसका फायदा उठाकर दलाल ही घर से उनके धान खरीदकर मंडी भेज रहे हैं।

prime article banner

गन्ना बहुल बागपत में हजारों किसानों ने आठ हजार हेक्टेयर भूमि पर धान पैदा किया है। यहां मोटा धान के बजाय पूसा बासमती-एक, पीबी-1509 तथा पीबी 1121 जैसी अच्छी किस्म का धान पैदा किया जाता है। अधिकांश किसान धान फसल की कटाई कर चुके हैं। किसानों की मानें तो प्रति हेक्टेयर 55 से 60 कुंतल धान उत्पादन का औसत आ रहा है। जिले में चार लाख कुंतल धान उत्पादन का अनुमान है। गत साल 45 से 50 कुंतल उत्पादन का औसत था। अबकी बार प्रति हेक्टेयर धान उत्पादन का औसत ज्यादा आने से किसानों के चेहरे खिलने लगे थे, लेकिन जैसे ही धान का दाम पिटता गया, उनके चेहरे मुरझाने लगे।

सिसाना गांव के जीत सिंह, निवाड़ा के गुलजार तथा कुर्डी के लोकेंद्र और धर्मेंद्र आदि किसानों ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत, गन्नोर, करनाल व नरेला दिल्ली आदि मंडियों में शुरूआत में जरूर 3000 से 3200 रुपये प्रति कुंतल दाम पर धान बिका, लेकिन जैसे ही मंडियों में धान की आवक बढ़ती गई, दाम गिरता गया। अब 2700 से 3000 रुपये से अधिक भाव नहीं मिल रहा है। गत साल धान का मूल्य प्रति कुंतल 3200 से 3600 रुपये था। किसानों ने कहा कि आढ़तियों ने बताया कि चावल का कम निर्यात होने से राइस मिल मालिक धान खरीदने से हाथ खींच रहे हैं।

भाकियू जिलाध्यक्ष चौ. प्रताप सिंह गुर्जर बताते हैं कि बागपत में मंडी तथा राइस मिल नहीं होने के कारण किसानों को धान नरेला व हरियाणा की मंडियों बेचना पड़ता है। लेकिन हरियाणा में यूपी के किसानों को पुलिस तथा मंडी समितियों के कर्मी परेशान करते हैं। वहीं गांवों में दलाल औने-पौने दाम पर किसानों से धान खरीदकर लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं।

एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर ने कहा कि अबकी बार प्रति हेक्टेयर धान उत्पादन गत साल के मुकाबले आठ-दस कुंतल ज्यादा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.