स्कूलों को मलाल..कम पहुंचे लाल
इसे कोरोना का खौफ कहिए या कुछ और लेकिन सात माह बाद खुले स्कूलों में पहले दिन बच्चे कम आए।
बागपत, जेएनएन। इसे कोरोना का खौफ कहिए या कुछ और लेकिन सात माह बाद खुले स्कूलों में पहले दिन रिकार्ड 89 फीसद बच्चे पढ़ाई करने नहीं आए। सहमति देने के बावजूद अभिभावक अपने लालों को स्कूल भेजने से कन्नी काट गए। जी हां! शिक्षा विभाग की रिपोर्ट कुछ यही बयां कर रही है।
यूपी बोर्ड के 142 स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक कुल 57375 छात्र-छात्रा पंजीकृत हैं। इनमें से 16144 बच्चों को स्कूलों में भेजने को अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को सहमति दी थी। इसके बावजूद स्कूलों में पहले दिन पहुंचे महज 6234 बच्चे। साफ है कि कुल पंजीकृत बच्चों के मुकाबले महज 10.86 फीसद बच्चे ही स्कूलों में पहले दिन पढ़ने को पहुंचे।
शायद है अभिभावक अपने बच्चों की जान की कीमत पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। बहुत से अभिभावक अभी स्कूलों में कोरोना से बचाव की तैयारी देख रहे हैं। हालांकि स्कूलों में कोरोना से बचाव के इतने इंतजाम किए गए जितने बहुत से घरों में भी नजर नहीं आएंगे।
डीआइओएस एमपी सिंह ने कहा कि सात माह बाद स्कूल खुले हैं। इसलिए दो चार दिन में बच्चों की संख्या और बढ़ेगी। कक्षा 9वी और 10वी का ब्योरा
-30308 बच्चे स्कूल में पंजीकृत
-9214 बच्चों से मिली सहमति
-2617 बच्चे स्कूल में उपस्थित
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कक्षा 11वीं और 12वीं का ब्योरा
-27067 बच्चे स्कूल में पंजीकृत
-6930 बच्चों से मिली सहमति
-3617 बच्चे स्कूल में उपस्थित