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बेसहारा गोवंश की खातिर 80 लाख का सहारा

जहीर हसन, बागपत गोवंश की दुर्दशा पर कुछ लोग विचार व्यक्त करते हैं तो कुछ सरकारी सिस्टम को

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:22 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:22 PM (IST)
बेसहारा गोवंश की खातिर 80 लाख का सहारा
बेसहारा गोवंश की खातिर 80 लाख का सहारा

जहीर हसन, बागपत

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गोवंश की दुर्दशा पर कुछ लोग विचार व्यक्त करते हैं तो कुछ सरकारी सिस्टम को कठघरे में खड़ा करके अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेते हैं। आमतौर पर घायल गोवंश को देखकर तमाम लोग एक-दूसरे को कोसते हुए अपनी राह ले लेते हैं। अनुज शर्मा की आंखों ने भी गोवंश की दुर्दशा का ऐसा ही नजारा देखा। वह भी आगे बढ़े लेकिन किसी को कोसते हुए नहीं बल्कि दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ। संकल्प था गोशाला की स्थापना की। उद्देश्य नेक था, लिहाजा मंजिल खुद पास आ गई। वह 60 लाख रुपये कीमत की निजी जमीन में गोशाला बनवाएंगे। निर्माण के लिए भी 20 लाख रुपये देंगे। गत 14 जनवरी को जिला पंचायत पंचायत अध्यक्ष रेनू धामा, सीडीओ पीसी जायसवाल, विधायक लोनी नंदकिशोर गुर्जर और धर्मगुरुओं ने पुण्य कार्य की नींव रखी। खास यह कि 200 गायों की क्षमता की यह गोशाला न सिर्फ एयर कंडीशंड होगी बल्कि इसमें अन्य बेहतरीन सुविधाएं भी रहेंगी।

बागपत जिले के खट्टा प्रहलादपुर गांव निवासी 21 वर्षीय अनुज शर्मा परिवार सहित दिल्ली के गांधीनगर क्षेत्र की रासगढ़ कालोनी में रहते हैं। वह पिता नरेंद्र शर्मा के रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हैं। छह माह पहले नरेंद्र शर्मा बेटे अनुज शर्मा के साथ अपने गांव आए तो दिल्ली लौटते वक्त एक गाय को खेतों की कंटीली बाड़ में फंसे देखा। गाड़ी रोकी और लहूलूहान गाय की मरहम पट्टी की।

गोवंश की दुर्दशा का यह नजारा देख वह आहत तो हुए लेकिन उसी पल इनके संवर्धन और संरक्षण का संकल्प भी ले लिया। अनुज शर्मा ने गांव में अपनी चार बीघा जमीन में गोशाला बनवाने की इच्छा जताई तो पिता नरेंद्र शर्मा ने भी फैसले पर खुशी जताई। पिता-पुत्र ने निजी जमीन पर गोशाला बनाने का प्रस्ताव सीडीओ के समक्ष रखा तो वह भी आश्चर्यचकित रह गए।

आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी गोशाला

गोशाला का बाड़ा एयर कंडीशंड होगा। फव्वारा, कर्मी आवास, चारा भंडार, सबमर्सिबल पंप, सोलर लाइट की सुविधा के साथ-साथ गोवंश की देखभाल के लिए कर्मचारी भी रहेंगे। क्यों रहें सरकार के भरोसे

अनुज कहते हैं कि स्कूल या दूसरे भवनों में गोवंश को रखने से उनकी दुर्दशा होती है। गोवंश के नाम पर मारपीट या हत्या करने वाले गो-सेवक नहीं बल्कि गुंडे हैं। हमें हर काम के लिए सरकार के भरोसे नहीं रहना चाहिए। लोग गोवंश पालने की पहल करें।

अनुज शर्मा ने अपनी जमीन में गोशाला खुलवाने की पहल कर पुण्य का काम किया है। सबको ऐसी पहल करनी चाहिए।

क्षमा देवी, ग्राम प्रधान

अनुज शर्मा की पहल वाकई सराहनीय है, जिन्होंने 50-60 लाख रुपये की जमीन में गोशाला खुलवाने की पहल की है। गोशाला का संचालन समाज तथा प्रशासन की देखरेख में होगा।

-पीसी जायसवाल, मुख्य विकास अधिकारी बागपत।


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