महंत की षोडशी पर भंडारा, पहुंचे सांसद व विधायक
खट्टा प्रहलादपुर में जूना अखाड़े के दिवगंत अध्यक्ष की षोडसी पर चंदनवाला मंदिर में विशाल भंडारा हुआ। साथ ही चल रही शिवमहापुराण का समापन भी। षोडसी में देश विदेश के संत शामिल हुए।
बागपत, जेएनएन। खट्टा प्रहलादपुर में जूना अखाड़े के दिवगंत अध्यक्ष की षोडसी पर चंदनवाला मंदिर में विशाल भंडारा हुआ। साथ ही चल रही शिवमहापुराण का समापन भी। षोडसी में देश विदेश के संत शामिल हुए। सांसद व विधायक ने भी मंदिर पहुंचकर महंत की समाधि पर मत्था टेककर भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया।
अखिल भारतीय श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (सभापति) महंत भगवतपुरी का 31 दिसंबर को निधन हुआ था। निधन के बाद खट्टा प्रहलादपुर में दो जनवरी को उनके शव की अंतिम यात्रा निकाली गई थी। यात्रा में हजारों लोग व संत शामिल हुए थे। इच्छानुसार उनकी समाधि चंदनवाला मंदिर में बनाई गई। संतों ने मंदिर में 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन किया था। गुरुवार को षोडसी व कथा के समापन पर षोडसी भंडारा हुआ। इसमें देश संग विदेश के संतों ने भी भाग लिया। सांसद डा. सत्यपाल सिंह व विधायक योगेश धामा ने भी मंदिर पहुंचकर समाधि पर मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। भंडारे को लेकर मंदिर के आसपास दुकानें लगी थी जहां ग्रामीणों ने खरीदारी की। इसके बाद सांसद व विधायक ने महेश मंदिर में गोशाला का जायजा लेकर महंत एकादशी गिरी महाराज का भी आशीर्वाद लिया। भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर, जयकुमार, संजय, राजू, प्रवेश सैनी, लवकुश दाहिमा, रणवीर सिंह आदि शामिल रहे। टोक्यो का दंपती पहुंचा मंदिर
--जापान के टोक्यो से मातोश्री अपनी पत्नी मीनार संग महंत की समाधि पर पहुंचे और मत्था टेका। उन्होंने कथावाचक महेशानंद महाराज से शिव महापुराण के बारे में जाना। मातोश्री ने बताया कि महंत भगवतपुरी महाराज उनके गुरु थे। महंत से हरिद्वार में भेंट हुई थी। तभी से महंत को दंपती ने अपना गुरु मान लिया था। गुरु के निधन को दोनों को बेहद दुख है।
सांसद का कार्यक्रम हुआ स्थगित
महंत की षोडसी में दिल्ली के सांसद व क्रिकेटर गौतम गंभीर व दिल्ली के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को भी शामिल होना था। परंतु बारिश के कारण दोनों कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। सुबह से ही क्रिकेटर से मुलाकात के लिए चाहने वालों की दिन भर मंदिर में भीड़ लगी रही। बारिश के बाद उन्हें गौतम के आने की आस थी। कार्यक्रम समाप्त होने पर ही ग्रामीण अपने घर लौटे।