Move to Jagran APP

किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं बजट: जयंत

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी सोमवार की देर शाम नगर में रालोद नेता सुरेश मलिक के परिवार में आयोजित शादी समारोह में भाग लेने आए थे। इस दौरान पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि बजट से किसानों को बहुत ज्यादा ही उम्मीदें थीं कि सरकार बजट में उनका ख्याल रखेगी। लेकिन बजट किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। कृषि क्षेत्र के आवंटित बजट को घटा दिया गया। यहां तक कि एफसीआई का बजट भी घटा दिया इसका सीधा प्रभाव अब मंडियों व किसानों पर पड़ेगा। सरकार ने किसानों को छह हजार रुपए प्रति वर्ष देने की घोषणा की थी लेकिन इसके पंजीकरण इतनी धीमी है कि ज्यादातर किसानों को दो हजार रुपए से अधिक नहीं मिला है। उसका बजट भी सरकार ने घटा दिया है। यही नहीं मनरेगा योजना और स्किल इंडिया का बजट घटा दिया। उन्होंने बताया कि देश की राजधानी में बार-बार गोलियां चल रही है और उस पर राजनीति हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 06:10 AM (IST)
किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं बजट: जयंत
किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं बजट: जयंत

जागरण न्यूज नेटवर्क, बागपत: रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी सोमवार की देर शाम नगर में रालोद नेता सुरेश मलिक के परिवार में आयोजित शादी समारोह में भाग लेने आए थे।

prime article banner

इस दौरान पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि बजट से किसानों को बहुत ज्यादा ही उम्मीदें थीं कि सरकार बजट में उनका ख्याल रखेगी। लेकिन बजट किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। कृषि क्षेत्र के आवंटित बजट को घटा दिया गया। यहां तक कि एफसीआई का बजट भी घटा दिया, इसका सीधा प्रभाव अब मंडियों व किसानों पर पड़ेगा। सरकार ने किसानों को छह हजार रुपए प्रति वर्ष देने की घोषणा की थी, लेकिन इसके पंजीकरण इतनी धीमी है कि ज्यादातर किसानों को दो हजार रुपए से अधिक नहीं मिला है। उसका बजट भी सरकार ने घटा दिया है। यही नहीं मनरेगा योजना और स्किल इंडिया का बजट घटा दिया।

उन्होंने बताया कि देश की राजधानी में बार-बार गोलियां चल रही है और उस पर राजनीति हो रही है। अक्सर यह देखा गया है कि चुनाव के समय में माहौल बिगड़ाने के लिए भाजपा के छोटे से लेकर बड़े नेता तक मैदान में कूद पड़ते हैं। दिल्ली के चुनाव में इस बार खुलकर ये हो रहा है। जयंत चौधरी ने बताया कि 1962 के युद्ध के बाद न्यूनतम स्तर पर रक्षा बजट है अगर आज जीडीपी की तुलना में देखेंगे 1.5 प्रतिशत जीडीपी रक्षा बजट को दिया है। ऐसे में सेना के जवानों का सम्मान कैसे होगा। सोचने वाली बात है। उन्हें समय पर वेतन कैसे मिल पाएगा। इस दौरान पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक डॉ. अजय तोमर, कर्नल ब्रहमपाल तोमर, सतेंद्र प्रमुख, रामकुमार चेयरमैन, मास्टर मनोज तोमर, नीटा पहलवान, विकास प्रधान, राजू तोमर सिरसली, प्रवेंद्र तोमर, मुनेश बरवाला, नरेश ठेकेदार, नरेश डायरेक्टर आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.